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राज्यपाल ने भले ही विधेयक लौटा दिया है लेकिन हम हार नहीं मानेंगे, JMM स्थापना दिवस पर बोले सीएम हेमंत

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दुमकाः
झारखंड मुक्ति मोर्चा के 44 वें स्थापना दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन दुमका गये थे। वहां के गांधी मैदान से उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 20 साल सरकार ऐसे लोगों के हाथ में था जिन्हें यहां के लोगों की फिक्र ही नहीं थी। इन लोगों को लगता है कि इस देश का सब आदिवासी पिछड़ा ही है लेकिन ऐसा नहीं है कि तुम कब तक सबको बेवकूफ बनाओगे, कब तक बोका बनाओगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अब राजनीतिक मैदान में अब यह हम से नहीं लड़ पा रहे हैं तो अपनी संस्थाओं को हमारे पीछे लगा दिया है। चाहे महामहिम की बात हो या फिर ईडी सीबीआई सबको हमारे पीछे लगा दिया गया है लेकिन कोई बात नहीं हम लोग घबराने वाले में से नहीं है। हमसे इनको मिलेगा क्या। विपक्ष को यह नहीं पता है कि हम किसके नेतृत्व करता है। हम आदिवासी, मूलवासी, गरीब के नेता है जिसका खुद का जेब फटा हुआ है। हम उनसे क्या ही लूट पाएंगे मेरे घर में जाकर इनको मिलेगा क्या। मैं व्यापारियों का नेतृत्व करता थोड़ी हूं। व्यापारियों के नेता तो आप हैं। इसलिए तो आपका पार्टी ऑफिस 1000 करोड़ रुपए का बन रहा है। जिसका हर जिला में संगमरमर का ऑफिस बन रहा है। कहां से आता है आखिर इनके पास इतना पैसा। इस राज्य को तो इन लोगों ने चारागाह बना दिया है। जिसे देखो लूट कर चला जाता है। कभी इस राज्य को सोने की चिड़िया कहा जाता था। लेकिन आज यही के मूलवासी गरीब भूखे नंगे हैं। लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को विवश है। अभी कुछ दिन पहले ही मैं बूढ़ा पहाड़ गया था। वही बूढ़ा पहाड़ जहां कभी नक्सलियों का राज था। लेकिन फिर भी मैं गया मैंने वहां विकास के द्वार खोल दिये हैं। वहां के लोगों में उम्मीद जगी है। हम जिला जिला में घूम कर राज्य की स्थिति देख रहे हैं। सिर्फ दफ्तर से काम नहीं होगा हम ग्राउंड पर जाकर काम करेंगे। अब गांव का विकास होगा तभी पदाधिकारियों का प्रमोशन होगा। 

 

इनका काम ही खरीद फरोख्त करना
सीएम ने कहा कि हमारी कमजोरी का इन चालाक लोगों ने खूब फायदा उठाया है। हमें बोका समझा है। राज्य लेते वक्त भी ऐसे ही गुरु जी के  आंदोलन को असंवैधानिक कहा जाता था लेकिन वह हार नहीं माने औऱ आखिरकार उनको सफलता मिली। इसी तरह 1932 खतियान विधेयक को राज्यपाल ने वापस कर दिया लेकिन हम हार नहीं मानेंगे। ये लोग तो सीएनटी एसपीटी एक्ट को भी बदलना चाहता था लेकिन द्रोपदी मुर्मू ने उनका प्रस्ताव वापस कर दिया और अब हम 1932 लाना चाहते हैं तो ये लोग वह भी पूरा नहीं होने दे रहे हैं। हम अपना हक मांगे तो वह असवैंधानिक है, अलग राज्य मांगे तो वह असवैंधानिक ह, लेकिन वह गरीब को लूटे खसोटे तो वह सही है। उन्होंने कहा कि पहली बार बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बने और फिर अर्जुन मुंडा, लेकिन इन दोनों को लंबे समय तक राज्य चलाने को नहीं मिला। वहीं, रघुवर दास जो छत्तीसगढ़ से आये, एक छत्तीसगढ़िया ने पांच साल पूरा किया। अपना लोगों को जब भाजपा ने पांच साल पूरा नहीं करने दिया तो हमको देगा क्या। अभी हाल में आपने सुना होगा कि यहीं पर कोल्हान में हमारे गृह मंत्री अमित शाह  आए थे। मंच में उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे नहीं गिरता है। सरकार को जनता चुनता है। कोई मंत्री, मुख्यमंत्री नहीं गिरा सकता। चुनी हुई सरकार का यह अधिकार है। ऐसा खुद गृह मंत्री ने कहा है लेकिन यहां विपक्ष के नेता लोग दिन-रात लोमड़ी जैसा ताक में बैठे रहते हैं। कभी इस दरवाजा में कभी उस दरवाजा में चोर  जैसा नजर गड़ाए रहते हैं। कभी इस विधायक पर टोटका मारते हैं, कभी उस विधायक टोटका मारते हैं लेकिन उसको पता नहीं है कि सरकार का मुखिया चारों ओर देखता है। जैसे ही झपट्टा मारोगे फट से हम आपको पकड़ लेंगे। रोज विपक्ष के नेता अब सरकार बनाते हैं गिराते हैं। 3 साल में इन लोगों ने ना जाने कितना मुख्यमंत्री बना दिया। ये लोग 20 साल मखमल के गद्दा में सोये हैं और जनता ने इनको उठाकर 2019 में कांटों में ढकेल दिया।

 

इसलिए इतना दर्द कर रहा है। इनको बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इतना कांटा इनको चुभ रहा है कि यह हर नेता पर झपट्टा मारते हैं कि हमको कैसे आराम मिले। इनका काम बस खरीद फरोख्त करना है। व्यापारियों की पार्टी है इनका काम ही है खरीदना बेचना। आज महंगाई कहां चला गया। 5 रुपया का प्लेटफार्म टिकट 50 में मिलता है। 5 का नमक 50 रुपये किलो हो गया। सरसों तेल, आलू, प्याज की तो बात ही छोड़िए। किसी दिन ये लोग थाली भी छीन लेंगे आपसे। अभी बजट आया है। उसमें भी गरीबों का हक अधिकार छीन लिया गया। 15 लाख सबके खाते में आया क्या। ये झारखंड सरकार जो कहती है वो करती है। सीएम ने कहा कि आज झारखंड में लाखों नए राशन कार्ड बनाए गए। जरूरतमंदों को पेंशन दिया जा रहा है। इसके साथ ही ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के साथ साथ रोजगार करने के लिए ऋण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। ये राज्य देश का पहला राज्य है जहां हर किसी को जिसने 60 साल उम्र पार किया हो उसको पेंशन मिल रहा हो। यहां योजनाबध्द तरीके से इस राज्य को गरीब बनाया गया है। ये राज्य उसने चलाया है जो गुजरात चलाता था। जो महाराष्ट्र चलाता था वही इस राज्य को चलाता था, वो राज्य आगे बढ़ गये तो फिर ये पीछे क्यों रह गया। वन अधिकार कानून बदल गया है ताकि अब ग्रामसभा की सहमति नहीं ली जाएगी। लेकिन हमने तो पीएम को पत्र लिख दिया है कि हम यह कानून लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि 20 साल की जो खाई है, वह दो तीन साल में भर नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की समस्या का भी समाधान होगा। बिहार बिहारी लोग चलाता है तो फिर झारखंड को छत्तीसगढ़िया कैसे चला सकता है। इसलिए यही वजह है कि जब एक आदिवासी राज्य का मुखिया बना है तो इनके पेट में दर्द होता है। हमारे नौजवान सड़को में घूम रहे हैं। इसलिए हमने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना निकाला ताकि यहां के युवा खुद का रोजगार कर सके। सरकार आपको लोन देगी आप अर्जी तो दो। बता दें कि देर रात तक चले इस कार्यक्रम में पार्टी के तमाम मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के पदाधिकारियों सहित पंचायतों से लेकर जिला स्तर तक के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।