रांची
13 मई 2025 को 'साझा मंच झारखंड (समझ)' की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने बोकारो जिले के पेंक नारायणपुर क्षेत्र में हुए अब्दुल कलाम मॉब लिंचिंग कांड की वस्तुस्थिति जानने के लिए दौरा किया। दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक चले इस दौरे में टीम ने मृतक के गांव पेंक (ब्लॉक नावाडीह), संबंधित थाना पेंक नारायणपुर और वारदात स्थल कड़रू खुट्टा का निरीक्षण किया। टीम में संयोजक इबरार अहमद, सह-संयोजक अमल आज़ाद सहित सिस्टर लीना, हाजी नवाब, मो. मुस्तकीम, भागीरथ शर्मा, अफ़ज़ल अनीस और जुनैद अनवर शामिल थे। टीम ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवार, स्थानीय लोगों और अधिकारियों से बातचीत कर घटना के विभिन्न पहलुओं को समझने की कोशिश की।
मॉब लिंचिंग मृतक का विवरण
1. नाम: अब्दुल कलाम
2. उम्र: 22 वर्ष
3. पेशा: निर्माण मज़दूर
4. वैवाहिक स्थिति: अविवाहित
5. पिता: स्वर्गीय
6. माता: बीमार
घटना का विवरण (परिजनों व ग्रामीणों के अनुसार)
1. तिथि व समय: 8 मई 2025, सुबह लगभग 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक
2. सूचना का समय व देनेवाले:
o दोपहर 12:50 बजे, मृतक के चाचा मो. कलीमुद्दीन ने थाना प्रभारी नीतीश कुमार को "भतीजे की पिटाई" की सूचना दी
o 12:56 बजे फिर से त्राहिमाम संदेश भेजा गया
3. पुलिस की प्रतिक्रिया:
o थाना से घटनास्थल की दूरी लगभग 4 किमी थी
o पुलिस दोपहर 2 बजे पहुंची, तब तक भीड़ पिटाई कर रही थी
o घायल अब्दुल कलाम को बीटीपीएस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने "मृत लाया गया" घोषित किया
4. परिजनों को सूचना:
o रास्ते में पुलिस ने फोन पर चाचा को अब्दुल के घायल होने की सूचना दी
o चाचा व बड़े भाई अस्पताल पहुंचे तो अब्दुल मृत मिला
5. मृतक की माँ को धमकी:
o 3-4 बजे के बीच 5-6 नशे में धुत लोग घर पहुंचे
o वीडियो दिखा कर धमकाया: "इसने महिला से रेप किया था, इसलिए मारा। केस किया तो बर्बाद कर देंगे"
o वही वीडियो टीम को भी प्राप्त हुआ, जिसमें कलाम से बार-बार सवाल किया गया, लेकिन वह इनकार करता रहा
6. थाने में संदिग्धों की उपस्थिति:
o पोस्टमॉर्टम संबंधी कार्रवाई के लिए परिजन थाना पहुंचे
o वीडियो में दिखनेवाले छह में से दो की गिरफ्तारी की बात कही गई, शेष को "अनुसंधान" के नाम पर छोड़ा गया
o ग्रामीणों को 12 घंटे का आश्वासन दिया गया
7. पोस्टमॉर्टम व विरोध:
o लाश रात शवगृह में रखी गई, पोस्टमॉर्टम 9 मई की सुबह हुआ
o गिरफ्तारी नहीं होने पर ग्रामीणों ने शव लेने से इनकार किया
o 24 घंटे का फिर से समय मांगा गया, पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई
8. FIR में विसंगति:
o स्पष्ट वीडियो साक्ष्य व ग्रामीणों के दबाव के बावजूद BNS की धारा 103(2) नहीं लगाई गई, बल्कि 103(1) लगाई गई
9. छेड़छाड़ की पुष्टि नहीं:
o मृतक ने किस महिला से छेड़खानी की, इस पर कोई बयान नहीं लिया गया
o महिला द्वारा किसी केस की जानकारी परिजनों को नहीं दी गई
10. ग्रामिणों की धारणा:
• माओवादी प्रभाव के चलते पुलिस पर दबाव नहीं बनाया जा सका
• समुदाय विशेष को निशाना बनाए जाने की आशंका व्यक्त की गई
11. आरक्षी का विवादास्पद बयान:
• ग्रामीणों के विरोध के दौरान एक पुलिसकर्मी ने कहा – "बाज आओ नहीं तो यहां भी कश्मीर बना देंगे"
थाना प्रभारी का पक्ष
1. सूचना मिलने की पुष्टि की, बताया कि वे तेनुघाट में क्राइम मीटिंग में थे
2. धारा 103(2) लगाने की पुष्टि की, केस की जांच के लिए इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी की नियुक्ति हुई है
3. अब तक 4 गिरफ्तारियाँ हुई हैं
4. अनीता देवी (पति: महावीर मुर्मू) द्वारा 8 मई को अब्दुल कलाम के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी
5. थाना प्रभारी ने दस्तावेज साझा करने की सहमति दी
घटनास्थल पर ग्रामीण महिलाओं का बयान
1. किसी "रेप" या "छेड़छाड़" की बात सामने नहीं आई
2. अब्दुल कलाम घटना के दिन अनीता देवी के घर आया था, जिसके बाद अनीता ने "चोर-चोर" चिल्लाया
3. इसके बाद भीड़ इकट्ठा हुई और पिटाई की घटना घटी
4. अनीता देवी उसी दिन पुलिस के साथ गई और वापस नहीं आई
5. अनीता के पति बाहर काम करते हैं
7. गंभीर टिप्पणी योग्य बिंदु
1. पुलिस की लापरवाही: सूचना मिलने के बावजूद समय पर न पहुंचना निंदनीय
2. भीड़ द्वारा आत्म-न्याय (Vigilantism): बिना जांच के हत्या गंभीर अपराध
3. विडियो साक्ष्य के बावजूद FIR में चूक: आरोपियों को पूरी तरह नामजद नहीं किया गया
4. धारा का गलत प्रयोग: 103(2) के स्थान पर 103(1) लगाना प्रक्रिया में चूक
5. पुलिस संरक्षण का आरोप: थाने में आरोपियों की मौजूदगी
6. धार्मिक तनाव और धमकी: "महिला सुरक्षा" की आड़ में सांप्रदायिक हिंसा
7. आरक्षी की साम्प्रदायिक टिप्पणी: "कश्मीर बना देंगे" – जांच योग्य गंभीर बयान
8. सिफ़ारिशें (Recommendations)
1. वीडियो में पहचाने गए सभी हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए
2. थाना प्रभारी और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जाए
3. पीड़ित परिवार को ₹50 लाख का मुआवजा और पुनर्वास दिया जाए
4. सभी आरोपियों पर BNS की धारा 103(2) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाए
5. "कश्मीर" संबंधी टिप्पणी की स्वतंत्र जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए
6. भीड़-न्याय के विरुद्ध राज्यस्तरीय जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए
7. राज्य मानवाधिकार आयोग व NHRC इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर हस्तक्षेप करें
8. अनीता देवी की शिकायत और भूमिका की स्वतंत्र न्यायिक जांच करवाई जाए