रांची
झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन के बाद महागठबंधन की सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में है, लेकिन राज्य के कई अहम बोर्ड, निगम और आयोग वर्षों से नेतृत्वविहीन हैं। महिला आयोग, सूचना आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग जैसे संवैधानिक निकायों में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां अब तक नहीं हो पाई हैं, जिससे इन संस्थाओं की भूमिका सीमित हो गई है। इस मुद्दे को लेकर अब कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है और गठबंधन के भीतर तय फार्मूले के मुताबिक जल्द नियुक्तियों की मांग की है।
कांग्रेस का बढ़ा दबाव, सीएम को लिखा गया पत्र
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कई बोर्ड और आयोग लंबे समय से खाली हैं, जिससे न सिर्फ प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे हैं, बल्कि आमजन से जुड़े मुद्दों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। कांग्रेस का कहना है कि इन रिक्त पदों पर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए।
बीते पांच वर्षों में सरकार ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड, कृषि विपणन पर्षद, गौ सेवा आयोग, हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड जैसे संस्थानों में नियुक्तियां की हैं। हाल में बाल संरक्षण आयोग में भी पद भरे गए हैं। लेकिन महिला आयोग, सूचना आयोग और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में अब भी नियुक्तियां लंबित हैं।
'पदों को लेकर गंभीर है कांग्रेस'
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू के अनुसार, पार्टी हाईकमान इस मुद्दे को लेकर गंभीर है। रांची दौरे पर आए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के समक्ष भी यह विषय उठाया गया था। प्रदेश प्रभारी के. राजू ने भी इस पर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता जताई है।
'साझेदारी सुनिश्चित हो' – बलमुचू
पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू ने कहा कि कांग्रेस की चिंता सिर्फ नियुक्तियों को लेकर नहीं, बल्कि इसमें उचित राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वह इस दिशा में शीघ्र पहल करें ताकि गठबंधन के सभी घटक दलों को संतुलित प्रतिनिधित्व मिल सके।
हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि गठबंधन के भीतर इस विषय पर क्या पूर्व सहमति बनी थी, तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।