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झारखंड RJD प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महासचिव के बीच टकराव, इस बात को लेकर आए आमने-सामने

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से कुछ महीने पहले झारखंड राजद में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य के प्रदेश आरजेडी अध्यक्ष और प्रदेश महासचिव एक दूसरे के आमने- सामने हो गए है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों के बीच टकराव की वजह प्रदेश उपाध्यक्ष को पद्मुक्त किया जाना है। दरअसल, प्रदेश राजद के प्रधान महासचिव सह अनुशासन समिति के संजय प्रसाद यादव ने प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव को पदमुक्त कर दिया। जबकि, राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने कहा कि प्रधान महासचिव को उपाध्यक्ष को पद मुक्त करने का अधिकार ही नहीं है। 


दिशा निर्देश का पालन नहीं करने का लगा आरोप 
प्रदेश राजद के प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव ने प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव को अनुशासन तोड़ने और दिशा निर्देश का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए पदमुक्त किया है। उन्होंने इसकी सूचना अनिता यादव को देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश राजद के कार्यालय सचिव को इसकी प्रतिलिपि भेजी है। संजय प्रसाद यादव ने बताया कि अनिता यादव को छह दिन पहले शो कॉज जारी किया गया था। तीन दिनों के भीतर ही जवाब देना था। लेकिन, उन्होंने छह दिनों तक जवाब नहीं दिया। जवाब नहीं मिलने के बाद उन्हें उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया। उन पर प्रेस मीडिया से बिना अनुमति के ही बात करने का आरोप है।


प्रधान महासचिव को उपाध्यक्ष को हटाने का अधिकार ही नहीं है 
राजद अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने कहा कि प्रधान महासचिव को राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष को पदमुक्त करने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को हटाने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को है या फिर प्रदेश अध्यक्ष को है। प्रदेश अध्यक्ष पूरी कमेटी को भी भंग कर सकता है। जहां तक अनुशासन कमेटी का मामला है तो कमेटी को अनुशंसा करने का अधिकार है न कि उपाध्यक्ष को पदमुक्त करने या पद से हटाने का अधिकार नहीं है।

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