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रांची में तैयार हुआ देश का पहला गिलोय प्रोसेसिंग एंड रिसर्च सेंटर, जानें इससे आपको कैसे होगा लाभ  

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द फॉलोअप डेस्कः 
देश के पहले 'सेंटर फॉर गिलोय प्रोसेसिंग एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में की गयी है। फॉरस्ट्री स्ट्रीम में लगभग डेढ़ करोड़ की मशीन लगाई गई है। सेंटर को चलाने के लिए बीएयू ने राज्य के 16 जिलों में गिलोय ग्राम को चुना था।  इस ग्राम में किसानों के बीच मुफ्त में गिलोय के दो लाख पौधे और ग्रीन शेड नेट हाउस दिए गये हैं। साथ ही सिंचाई के लिए सोलर पंप, पानी टंकी, जैविक खाद और स्प्रे मशीन भी दिया गया है। 18 माह के अंदर पौधों के तैयार हो जाने के बाद विवि इन किसानों से गिलोय का पौधा खरीदेगा और इसका प्रोसेसिंग इस सेंटर के माध्यम से करेगा। बता दें कि फॉरस्ट्री स्ट्रीम केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीआइ) के अधीन है। बीएयू के कुलपति डॉ ओंकारनाथ सिंह इस सेंटर की स्थापना से काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए पूरे राज्य में गिलोय की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।


1  क्विंटल में तीन किलोग्राम गिलोय तत्व 
इस सेंटर की देखरेख डॉ. कौशल कुमार कर रहे हैं। डॉ कुमार ने हर गांव में जाकर वैज्ञानिकों के साथ किसानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। कुलपति ने बताया कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब भी तैयार है। शीघ्र ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। डॉ कौशल ने बताया कि इस सेंटर में एक क्विंटल में तीन किलोग्राम गिलोय तत्व तैयार होंगे, जिसका विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होगा। मार्केटिंग के लिए कई हर्बल कंपनियों को विवि के साथ जोड़ा जा रहा है। इस सेंटर में विवि के विद्यार्थी और शिक्षक शोध करेंगे। 

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