रांचीः
27 जनवरी को मोरहाबादी में गैंगवार की घटना हुई थी जिसके बाद वहां के दुकानदारों को बिना किसी नोटिस के हटा दिया गया था। दुकानदार कई दिनों तक आंदोलन करते रहें लेकिन जब उन्हें प्रशासन की तरफ से कोई संतोषजनक पहल करते हुए नहीं देखा गया तो उनलोगों ने कोर्ट की तरफ रूख किया। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इस याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना। इसके बाद अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि बिना नोटिस दिए सरकार किसी को कैसे हटा सकती है।
अब तक कितनी घटना हुई है मोरहाबादी में
अदालत ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि अगर विधि व्यवस्था की समस्या होगी, तो क्या वहां से सभी को हटा देंगे। जब अदालत ने सरकार के वकील से पूछा कि मोरहाबादी मैदान में अब तक गैंगवार की कितनी घटनाएं हुई हैं तो उनके पास इसका जवाब नहीं था। मामले में अगली सुनवाई 3 मार्च को होनी है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ऋतु कुमार व अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने पक्ष रखा।
पहले की तरह दुकान लगाने दिया जाए
बता दें कि मोरहाबादी के फुटपाथ दुकानदारों ने याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि जब तक कोई स्थायी जगह नहीं मिलती है तब तक उनको पहले की तरह दुकान लगाने दिया जाये।