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सफलता : थंब इंप्रेशन क्लोन करके 2.5 लाख उड़ाने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार, जाने कैसे करता था कांड

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रांचीः 
रांची साइबर थाना ने 11 नवंबर 2022 को अवध पोद्दार नामक युवक ने एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उसने बताया था कि साइबर ठगों के द्वारा उसके बैंक खाते से ढाई लाख रुपए निकाल लिए गए हैं। अपराधी ने अवध के बैंक खाते से लिंक बायोमैट्रिक थंब इंप्रेशन को क्लोन करके पैसे उड़ा लिये हैं। पॉइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से पैसे की अवैध निकासी कर ली गई। साइबर अपराधियों ने फिनो पेमेंट बैंक में फर्जी दस्तावेज का प्रयोग करके बैंक मित्र का खाता खुलवाया था और क्लोन फिंगरप्रिंट का उपयोग करके विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर कर लिए थे।


अपराधी इसमें गिरफ्तार 
इस घटना को अंजाम देने वाले साइबर अपराधी गणेश मंडल उम्र 42 वर्ष को असम के मारीगांव जिला से गिरफ्तार किया गया है। अपराधी यश बैंक, नोवो पे तथा रूपी पे का डिस्ट्रीब्यूटर है। जो AEPS (Aadhaar Enabled Payment Services)  सर्विस देने के लिए विभिन्न रिटेलर को पंजीकृत करते हैं। साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठगी किए गए पैसों में से 1 लाख 30 हजार रिकवर करवा लिए हैं। 


कैसे करते हैं अपराध 
ऐसे कई सरकारी विभाग है जो लोगों के व्यक्तिगत विवरण जैसे बायोमैट्रिक्स लेते हैं और फिर उन्हें ऑनलाइन अपलोड करते हैं। इस अपराध को करने के लिए साइबर अपराधी डुप्लीकेट सिलिकॉन थांब बनाने के लिए विभिन्न वेबसाइटों पर अपलोड किए गए बायोमैट्रिक्स थंब इंप्रेशन को बटर पेपर के माध्यम से अंगूठे के निशान की नकल करते हैं। इसके बाद आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाता नंबरों को शॉर्टलिस्ट करते हैं और फर्जी दस्तावेज जमा करके किसी भी प्लेटफार्म पर ऑनलाइन बैंक मित्र एजेंट का खाता खुलवाते हैं। खाता बन जाने के बाद वे बायोमैट्रिक्स डिवाइस और क्लोन किए गए रब फिंगरप्रिंट का उपयोग करके पोस (POS) मशीन के माध्यम से पैसे की निकासी या अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं।

 

इस अपराध शैली से बचने का तरीका

1. यदि नियमित रूप से AEPS (Aadhaar Enabled Payment Services) सुविधा का उपयोग नहीं कर रहे हैं तो अपने खातों से AEPS सुविधा को निष्क्रिय कर दें। 
2. किसी भी अनजान वेबसाइट पर अपनी उंगलियों के निशान दर्ज करने से बचें।
3. अपने बायोमेट्रिक प्रिंट्स को काम होने के बाद Resident.uidai.gov.in/bio-lock या mAadhar (Google plus store) Application के माध्यम से lock करें।
4. साईबर क्राईम के पीडित 1930 पर कॉल करें और cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराए।
5. AEPS के माध्यम से अगर बैंक खाता से अवैध निकासी की जानकारी हो तो 90 दिनों के अंदर अपने संबंधित बैंक शाखा में सूचना दे तथा Refund / Charge back के लिए आवेदन दें।