logo

देशभर में धनतेरस आज, जानें क्या है इसका आध्यात्मिक महत्व औऱ क्या खऱीदें क्या नहीं 

DHANTERS.jpg

द फॉलोअप डेस्क 
दीपावली पांच दिन का दीपोत्सव होता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इसका समापन भाई दूज के दिन होता है। दीपावली का पांच दिवसीय पर्व बेहद नजदीक आ गया है। ऐसे में त्योहार की तैयारियों के लिए कम वक्त बचा धनतेरस को धनत्रयोदशी, धन्वंतरि त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

धनतेरस इस साल आज 29 अकटूबर 2024 को मनाया जाएगा। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसे दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन भक्त धन के देवता भगवान कुबेर और आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। यह दिन चांदी और सोने की वस्तुओं, बर्तनों और झाड़ू की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है।
शुभ तिथि और मुहूर्त

इस बार धनतेरस पर पूजा के लिए 1 घंटा 41 मिनट तक का मुहूर्त है। सोना खरीदने के लिए 20 घंटे का शुभ मुहूर्त है। धनतेरस की कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर, सुबह 10:31 बजे से हो जाएगी। इसकी समापन तिथि 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:15 बजे है। धनतेरस की पूजा के शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को शाम 6.31 बजे से रात 8.13 बजे तक का रहेगा। प्रदोष काल समय शाम 5.38 बजे से रात 8.13बजे तक है। वहीं वृषभ काल समय - शाम 6.13बजे से रात 8.27 बजे तक है।
धनतेरस में पूजा की विधि 

शाम के समय कुबेर देव के साथ मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें। अब धन्वंतरि देव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद फल और फूल अर्पित करें। माता और देव को उनका प्रिय भोग लगाएं।  पूजा करते समय "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" मंत्र का जाप करें। पूजा के अंत में आरती करें।
धनतेरस का क्या है महत्व

हिंदू धर्म में धनतेरस का विशेष महत्व है। इस दिन नई चीजें खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन खरीदी गई चीज अक्षय फल प्रदान करने वाली होती है। धनतेरस के दिन आप जो भी चीज खरीदेंगे उसका तेरह गुना फल आपको मिलेगा। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वतंरि जी की पूजा जरूर करें। इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

Tags - दीपावली धनतेरस भाई दूज Diwali Dhanteras Bhai Dooj