द फॉलोअप डेस्क
समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर प्रखंड की करीमनगर पंचायत के मोगलचक में स्थित एक निजी मकान में चलाए जा रहे फर्जी अंचल कार्यालय का एसडीएम विकास पांडेय ने खुलासा किया है। एसडीएम ने छापेमारी के दौरान अंचल और जमीन से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। छापेमारी के बाद भू-अभिलेखों के धंधे से जुड़े बिचौलियों में हड़कंप मच गया है।
इस फर्जी अंचल कार्यालय से 10 बोरी से ज्यादा कागजात बरामद किए गए हैं। इनमें शुद्धि पत्र, हल्का से संबंधित दाखिल खारिज पंजी, खतियान, रजिस्टर टू के दस्तावेज, जमाबंदी पंजी, दाखिल खारिज एवं परिमार्जन के आवेदन, 22250 रुपये नकद, कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य दस्तावेज शामिल हैं।
एसडीएम विकास पांडेय ने बताया कि यह फर्जी अंचल कार्यालय करीब दो दशक से संचालित हो रहा था। अब तक जो कागजात मिले हैं, उनके आधार पर यह पता चला है कि 2005 तक के अधिकांश मूल दस्तावेज इस फर्जी कार्यालय में रखे गए थे। जानकारी के अनुसार, 2005 में किसी राजस्वकर्मी की मिलीभगत से अंचल कार्यालय के मूल कागजात उमेश राय को उपलब्ध कराए गए थे, जिसके बाद से यह अवैध कार्यालय चल रहा था। आज यहां संचित कागजात की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि वह मूल अंचल कार्यालय के पास भी नहीं हैं।
बरामद कागजातों में कई ऐसे दस्तावेज भी शामिल हैं जो अंचल कार्यालय के पास उपलब्ध नहीं थे और लंबे समय से इनकी खोज की जा रही थी। इस कार्यालय में कंप्यूटर और प्रिंटर की मदद से सभी प्रकार के दस्तावेज तैयार किए जाते थे। छापेमारी के दौरान कई मुहरें भी बरामद की गईं। पूछताछ में यह भी सामने आया कि इस फर्जी कार्यालय से जमीन की जमाबंदी, दाखिल खारिज, भूमि परिमार्जन, राजस्व रसीद, और पुराना खतियान उपलब्ध कराया जाता था।
जानकारी के अनुसार, इस कार्यालय में सभी कार्यों के लिए नगद और ऑनलाइन पेमेंट की भी व्यवस्था थी, और यह राशि उमेश राय के बैंक खाते में जमा होती थी। यह फर्जी अंचल कार्यालय पिछले दो दशकों से चल रहा था और यहां से हर प्रकार के दस्तावेज तैयार किए जाते थे, जो असली अंचल कार्यालय द्वारा जारी किए जाते हैं। यह खुलासा क्षेत्र में एक बड़े घोटाले का संकेत दे रहा है, और अब पुलिस और प्रशासन इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं।