रांची
बनहोरा जतरा मैदान में आयोजित जिला स्तरीय कृषि कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि "झारखंड के किसान सिर्फ मजदूर नहीं, बल्कि अपनी जमीन के मालिक हैं।" उन्होंने किसानों से उन्नत कृषि तकनीक अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा, "पहले एक एकड़ भूमि पर किसान को जहां 25 हजार का मुनाफा होता था, अब वही उन्नत तकनीक से बढ़कर 1 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। ज़रूरत है तो सिर्फ सही फसल और आधुनिक तरीकों से जुड़ने की।" उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाएं किसानों के लिए रोज़गार और आर्थिक विकास के नए अवसर खोल रही हैं।
मौके पर सरहुल आजीविका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (FPO) का उदाहरण देते हुए मंत्री ने बताया कि कंपनी का सालाना कारोबार अब 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसी उपलब्धि के आधार पर कंपनी को विभाग की ओर से 15 लाख रुपये का ग्रांट प्रदान किया गया है।
इस कार्यक्रम में कृषि प्रदर्शनी के साथ विभागीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए गए थे। ग्रामीणों को योजनाओं के लाभ और प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाया गया।
शूकर पालन बन सकता है बड़ा व्यापार
मंत्री ने ग्रामीणों को शूकर पालन के महत्व पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि झारखंड में शूकर पालन पारंपरिक रूप से होता है, लेकिन अब इसकी देशभर में मांग है और इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “आज विभाग गांव-गांव में योजनाओं की सौगात लेकर पहुंच रहा है। किसान इनसे जुड़कर अपने भविष्य को संवार सकते हैं।” उन्होंने पलायन रोकने के लिए कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और सहकारिता से जुड़ने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने सरहुल आजीविका और सरई फुल महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को 15-15 लाख रुपये का अनुदान सौंपा। साथ ही, किसान समृद्धि योजना के तहत पुनीता खलखो और सुमन उरांव को लाभ प्रदान किया गया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि नीलम तिर्की, आशा देवी, पुष्पा टोप्पो, रियाजुल, शिव कच्छप, दीपू सिन्हा, प्रकाश तिर्की, मुन्तजिर खान, बेचू तिर्की, ललित कच्छप, सुका उरांव समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।