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​​​​​​​ बेटी की शादी से 6 दिन पहले पिता की मौत, घर में डोली से पहले उठी अर्थी; गांव में मातम

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द फॉलोअप डेस्क:

धनबाद जिले से एक बेहद दुखद खबर आई है। एक पिता का अपनी बेटी की शादी कराने का सपना और बेटी का अपने पिता के हाथों कन्यादान का सपना एक पल में टूट गया। बेटी की पालकी और पिता की अर्थी भी एक ही दिन उठी। घटना से परिवार और आसपास के लोगों की आंखों में आंसू आ गए। आपको बता दें कि यह घटना गोमो के जीतपुर गांव की है। बुधवार की शाम जहां बेटी ममता की शादी हो रही थी, वहीं पिता छत्रधारी महतो की अर्थी भी निकाली गयी।


पिता ने बताया पुरी ममला 
स्थानीय झारखंड आंदोलनकारी पुनित महतो ने बताया कि उनका बेटा छत्रधारी महतो शनिवार को बाइक से बकरी खरीदने इसरी हटिया बाजार गया था। इस दौरान वापस आते समय बकरी के गले में बंधी रस्सी सड़क पर लटक रही थी। यह देख एक ऑटो चालक ने उन्हें इसकी जानकारी दी। जिसके बाद बकरी की रस्सी उठाने के प्रयास में वह अपनी बाइक से नियंत्रण खो बैठा और सड़क किनारे खड़ी एक कार से टकरा गई। उन्हें तुरंत डुमरी अस्पताल ले जाया गया जहां से बाद में उसे धनबाद के एसएनएमएमसीएच लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए रिम्स रेफर कर दिया और बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।


आनन-फानन में कराई गई बेटी की शादी

19 अप्रैल को बेटी ममता कुमारी की शादी चिंचकी के खूंटा निवासी कुलदीप महतो के पुत्र अजीत महतो के साथ तय हुई थी। उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें बुलाया गया। स्थानीय लोगों की पहल पर दोनों शादी के लिए राजी हो गये। गुरुवार को जीतपुर स्थित शिव मंदिर में आनन-फानन में ममता की शादी करा दी गयी। जीतपुर स्थित आवास पर शव पहुंचते ही पूरे गांव में हाहाकार मच गया परिजनों की चीख-पुकार से मौजूद ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। मृतक का अंतिम संस्कार जीतपुर के जमुनिया नदी घाट पर किया गया। बता दें कि वर्ष 2000 में मृतक के भाई जयराम महतो की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।

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