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नवजात बच्चों की तस्करी करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश, महिला सहित 3 आरोपी गिरफ्त में, यहां का है मामला

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द फॉलोअप डेस्क 
पूर्णिया : पूर्णिया पुलिस की टीम ने नवजात बच्चा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गुप्त सूचना पर एक महिला समेत 3 तस्कर को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक लाख रुपये में बेच रहा 10 से 12 दिन का एक नवजात बच्चा को भी बरामद किया है। 

पुलिस ने तीनों बच्चा तस्करों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई कर रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों में मधुबनी थाना क्षेत्र के लंका टोला के संगीता रानी, कटिहार जिले के फलका थाना अंतर्गत छोटी चादर का अंकित राज एवं अविनाश कुमार शामिल है।

एएसपी आलोक रंजन ने नवजात बच्चा तस्कर गिरोह का खुलासा करते हुए कहा कि 10 से 12 दिन का एक नवजात बच्चा के बिक्री के लिए तस्कर गिरोह के सदस्य ग्राहक खोज रहे थे। इस आशय की सूचना एसपी को पिछले एक माह से मिल रही थी कि शहर में नवजात बच्चा तस्कर गिरोह के सदस्य, जिसका मोबाइल नंबर 7970932267 है, खरीद फरोख्त का काम कर रहे हैं। एक नवजात बच्चे के खरीद फरोख्त के लिए एक लाख रुपये लेने की बात चल रही थी। एसपी के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक शत्रुघ्न मंडल एवं पुलिस निरीक्षक लाल बहादुर के नेतृत्व में एक छापेमारी दल का गठन किया गया।

इस दल के कुछ सदस्य को खरीदार बनाकर गिरफ्तार किये गये तस्कर से बात कराया गया। बच्चों के तस्करी करने वाले अभियुक्त खरीदार बने हुए पुलिसकर्मी को पूर्णिया के भिन्न-भिन्न जगह बुलाते रहे । बातचीत के दौरान अंत में नवजात को एक लाख रुपये में के नगर थाना क्षेत्र के सत्यम धर्म कांटा के पास सौंपने पर बात बनी।पुलिस की टीम सादे लिवास में एक लाख रुपये लेकर धर्म कांटा के पास पहुंची और मौके पर तस्करी में शामिल अभियुक्तों को पकड़ लिया गया। एएसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से प्रारंभिक पूछताछ में बरामद नवजात बच्चा पूर्णिया जिला का ही है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह में 3 और लोग शामिल हैं, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार महिला संगीता रानी शहर के विभिन्न अस्पतालों में बच्चा डिलीवरी का काम करती है। पूछताछ से पता चला है कि गिरोह के लोग अब तक दो नवजात बच्चों को बेच चुके हैं। जो बच्चा बरामद किया गया वह तीसरा बच्चा है, जिसे एक लाख रुपये में बेचा जा रहा था। उन्होंने बताया कि गठित टीम में बचपन बचाओ आंदोलन एवं एडीसीपीयू शामिल थे।बरामद बच्चा को एडीसीपीयू के निगरानी में विशिष्ट दत्तक संस्थान में रखा गया है।


 

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