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हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर कल फिर से सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत में हेमंत की याचिका पर करीब एक घंटे से ज्यादा चली बहस के बाद अगली सुनवाई के लिए बुधवार (22 मई) की तारीख मुकर्रर की गई है। बता दें कि आज की सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कई दलीलें पेश की। जिसका ईडी अधिवक्ता की ओर से जमकर विरोध किया गया। आज की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे कल के लिए फिर लिस्ट किया है। बेल पर कल भी सुनवाई होगी।

आज कोर्ट में क्या हुआ

आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने दलील दी है कि यह 8.86 एकड़ जमीन का मसला है। जो आदिवासी भूमि है। छोटानागपुर टीनेंसी एक्ट के तहत इसे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। सिब्बल ने सोरेन की तरफ से कहा कि 12 प्लॉट हैं, 1976 से 1986 के बीच गैर आदिवासियों के नाम की रजिस्टर में एंट्री हुई है। तब हेमंत सोरेन 4 साल के थे। इससे उनका कुछ लेना देना नहीं है। जमीन पर एक बिजली कनेक्शन भी है जो मामले में आरोपी नंबर 4 के नाम पर है। वहीं जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है। इन लोगों से सोरेन का कोई संबंध नहीं है।उन्होंने दलील दी कि सभी रिकॉर्ड साफ है और ऐसे में कोई विवाद नहीं है। वहीं ईडी के वकील एस वी राजू ने इसके जवाब में कहा कि सिब्बल यह नहीं कह सकते कि जमीन पर कोई विवाद ही नहीं है। मेरी बारी आएगी तो मैं दिखाऊंगा कि क्या-क्या विवाद है।

ईडी ने क्या कहा?
ईडी ने सोमवार (20 मई) को सोरेन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में 285 पन्नों के अपने एफिडेविट में कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद साक्ष्य से यह स्थापित होता है कि वह (सोरेन) अवैध तरीके से संपत्तियां हासिल करने और उनपर कब्जा रखने में शामिल हैं। ईडी ने कहा कि हेमंत सोरेन राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करके उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। ईडी ने दलील दी कि एक राजनेता एक आम नागरिक से अधिक विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता। अगर सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो जेल में बंद सभी राजनेता भी ऐसी मांग कर सकते हैं।  

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का रुख करने से पहले हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर 3 मई को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा  हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को सही बताया है। गौरतलब है कि रांची जिले के बड़गाई अंचल में लगभग साढ़े आठ एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर कार्रवाई की है। इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने सीएम को 11 समन भेजा था। इसमें से केवल दो समन में उन्होंने ईडी के सवालों के जवाब दिए। 11वें समन पर जवाब-तलब के लिए ईडी के अधिकारी 31 जनवरी को उनके आवास पहुंचे। यहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसी कार्रवाई और गिरफ्तारी को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

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