द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में अभी तक मॉडल जेल मैनुअल लागू नहीं किया गया है, जिससे नाराज होकर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश एम. एस. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए गृह सचिव को 28 अप्रैल को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है। यह जानकारी अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को मॉडल जेल मैनुअल तैयार कर लागू करने का निर्देश दिया था और साथ ही हाईकोर्ट को इसकी निगरानी करने को भी कहा था। इसी मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि निर्धारित समय के अंदर ड्राफ्ट पेश करें, लेकिन अब तक वह तैयार नहीं किया गया। पिछली सुनवाई में सरकार ने बताया था कि शपथ पत्र तैयार है, लेकिन कोर्ट में दाखिल नहीं किया जा सका। इसके लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था।
कोर्ट ने ये भी पूछा था कि जेल मैनुअल ड्राफ्ट को लेकर अब तक क्या कार्रवाई हुई है, और जेलों में खाली पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। गौर करने वाली बात है कि अक्टूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उन जेल नियमों को रद्द कर दिया था जो जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। लेकिन आज भी झारखंड की जेलों में 4G या 5G जैमर तक नहीं लगे हैं। इस वजह से कई अपराधी जेल से ही मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए अपराध को अंजाम दे रहे हैं।