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शिशु से अलग कर 1 महीने तक मां को बंधक बनाने वाले जेनेटिक हॉस्पिटल पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

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द फॉलोअप डेस्क,रांची
रांची के बरियातू इलाके में मौजूद जेनेटिक हॉस्पिटल में 1 महीने तक एक मां को बंधक बनाकर रखा गया। महिला का नाम सुनीता है। गरीब सुनीता को पूरे 1 महीने तक जेनेटिक हॉस्पिटल में बंधक बनाये रखा। एक नवजात को उसकी मां से एक महीने तक दूर रखने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता ले लिया है। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए प्रधान सचिव से जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले में रांची सिविल सर्जन को उक्त अस्पताल के रजिस्ट्रेशन की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आश्वस्त किया कि जांच कर जेनेटिक अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।


28 मई को भर्ती हुई थी सुनीता
कोर्ट ने प्रधान सचिव को मामले की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि जेनेटिक अस्पताल ने पेशेंट के साथ अमानवीय व्यवहार किया है। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया की रनिया के बनावीरा नवाटोली निवासी सुनीता कुमारी को 28 मई को प्रसव पीड़ा होने पर खूंटी सदर अस्पताल ले जाया गया था। वहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया, यहां आते ही एक ऑटो चालक महिला के पति मंगलू को झांसा देकर जेनेटिक अस्पताल ले गया जहां महिला ने बच्चे को जन्म दिया।


1 लाख 60 हजार रुपये बाकी है
जेनेटिक अस्पताल में मंगलू से कहा गया कि इलाज में 1 लाख 60 हजार रुपये लगेंगे। एडवांस जमा करो। मंगलू ने तुरंत 90,000 रुपये जमा कराये। ये 28 मई की बात है। 29 मई को मंगलू से फिर 30,000 रुपये लिये गये। फिर 3 जून को मंगलू ने 25,000 रुपये कैश और 25,000 यूपीआई के जरिए भुगतान किया। अस्पताल ने 34,000 रुपये दवा के लिए अलग से वसूले। कुल मिलाकर, करीब 2 लाख 10 हजार रुपये अस्पताल ने वसूले। इस दौरान बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा। इसके बाद 3 जून को मंगलू के कहने पर डॉक्टरों ने बच्चे को रिलीज कर दिया लेकिन सुनीता को नहीं। यह कहकर कि अभी 1 लाख 60 हजार रुपये बाकी हैं। पैसे दो तभी सुनीता जायेगी। 28 मई से 27 जून तक सुनीता अस्पताल में ही पड़ी रही। 
 

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