हजारीबाग
जिले के पूर्व सदर SDO अशोक कुमार के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग को लेकर उनकी ससुराल वालों ने हजारीबाग समाधि परिसर के सामने एक दिवसीय धरना का आयोजन किया। अशोक कुमार पर अपनी पत्नी अनिता कुमारी को जिंदा जलाने का गंभीर आरोप है।
मृतका अनिता कुमारी के परिजनों ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया, क्योंकि घटना के 15 दिन बीत जाने के बावजूद किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। इस स्थिति से नाराज़ स्थानीय लोगों और मृतका के परिजनों ने धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की गुहार लगाई।
अनिता के भाई राजू कुमार गुप्ता ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन SDO अशोक कुमार के प्रभाव के चलते मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हजारीबाग एसपी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया, लेकिन SDO के दबाव में टीम निष्क्रिय बनी हुई है। उन्होंने मांग की कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
धरने में स्थानीय लोगों, मोहल्ले की महिलाओं और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को अपना समर्थन दिया। उन्होंने बेटी को जिंदा जलाए जाने की घटना को हृदयविदारक बताया और जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
26 दिसंबर की घटना
यह दर्दनाक घटना 26 दिसंबर को घटी, जब सदर के तत्कालीन SDO अशोक कुमार पर अपनी पत्नी अनिता देवी को जलाने का आरोप लगा। अर्धजली हालत में अनिता को पहले हजारीबाग के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए बोकारो और फिर रांची के देवकमल अस्पताल ले जाया गया, जहां 28 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
मामले में चार लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें अशोक कुमार, उनके पिता दुर्योधन साव, छोटे भाई शिवनंदन कुमार और उनकी पत्नी रिंकू देवी शामिल हैं। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।