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बड़ी खबर : धनबाद मुठभेड़ में मा'रे गए अपराधी के पास से मिला इंटरनेशनल सिम कार्ड, कनेक्शन ढूंढ़ रही पुलिस

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धनबाद: 

मंगलवार को झारखंड के धनबाद जिले में जो भी हुआ, एकबारगी कह पाना मुश्किल था कि ये हकीकत है या कोई फिल्मी सीन। बैंक मोड़ के पास मंगलवार की सुबह जो वाकया घटा, वो अनुराग कश्यप की किसी फिल्म की शूटिंग सरीखा लग रहा था। एक तरफ पुलिस तो दूसरी तरफ हथियारबंद अपराधी।

दोनों ओर से चलती दनादन गोलियां। फायरिंग की आवाज से रह-रहकर थर्राता पूरा इलाका और इधर-उधर भागते लोग। गुब्बार थमा तो एक अपराधी चारों खाने चित्त सड़क पर गिरा पड़ा था और आसपास बिखरा था ढेर सारा खून। अफरा-तफरी थमी तो माजरा समझ आया।

दरअसल, फिल्मी स्टाइल में लूट के इरादे से पहुंचे हथियारबंद अपराधियों में से 1 का फिल्मी स्टाइल में ही एनकाउंटर हो चुका था और 2 लोग पकड़ लिए गये थे। 2 चकमा देकर भाग गये। 

लूट के इरादे से आए थे हथियारबंद अपराधी
ये पूरा वाकया दरअसल मंगलवार का है। धनबाद के बैंक मोड़ में आम दिनों की तरह ही चहल-पहल थी। लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बाजार में थे। कुछ दुकानें खुल रही थीं कि तभी मुथूट फिनकॉर्प के ऑफिस में कम से कम 5 की संख्या में हथियारबंद अपराधी घुसे।

कर्मचारियों को डराया-धमकाया। उनका इरादा लूट का था। वे अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते कि तभी बैंक मोड़ थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह दलबल के साथ वहां पहुंच गए। पुलिस ने अपराधियों को चेताया, लेकिन उन्होंने फायरिंग कर दी। थाना प्रभारी प्रमोद सिंह ने भी जवानों के साथ मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग की।

इलाके में सिंघम के नाम से मशहूर बैंक मोड़ थाना प्रभारी प्रमोद सिंह ने ऐसा चक्रव्यूह रचा कि अपराधी फंस गये। कुछ ही देर में पुलिस ने 1 लुटेरे को मार गिराया। 2 लुटेरों को पुलिस ने दबोच लिया। 2 और लोग वहां से भाग निकलने में सफल रहे, जिनकी तलाश जारी है।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद सिंह ने क्या बताया! 
फिलहाल झारखंड में जितनी चर्चा इस घटना की है उतनी ही चर्चा थाना प्रभारी प्रमोद सिंह की भी है। सिंघम के नाम से मशहूर थाना प्रभारी प्रमोद सिंह को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। प्रमोद सिंह अब तक 1 दर्जन से ज्यादा नक्सलियों और अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर चुके हैं।

उनको राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री से पदक भी मिल चुका है। साल 2004 में प्रमोद सिंह के नेतृत्व में पुलिस की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में 24 नक्सली मारे गए थे। 2006 में भी प्रमोद सिंह ने 1 अपराधी को मार गिराया था। तब 3 लोग गोलीबारी में जख्मी भी हुए थे।

2011 में जमशेदपुर में प्रमोद सिंह ने 4 अपराधियों को मार गिराया। 2018 में सब जोनल कमांडर को मुठभेड़ में मारा। अब धनबाद में 1 अपराधी उनके हाथों मारा गया। प्रमोद सिंह उर्फ सिंघम का मानना है कि अपराधियों को मारने के लिए बस विल पावर चाहिए। 

क्या अपराधियों का अंतरर्राष्ट्रीय कनेक्शन है
इस पूरी घटना को लेकर एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि अपराधी 10 दिन से इलाके की रेकी कर रहे थे। धनसार में कमरा ले रखा था। लूट के लिए संभावित ठिकानों की रेकी की थी। अपराधी सेमी-ऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक हथियारों से लैस थे। अपराधियों के पास अंतरर्राष्ट्रीय नंबर थे। उस एंगल से भी मामले की जांच की जा रही है। लॉकर या दरवाजा तोड़ने वाले टूल भी अपराधियों के पास से बरामद हुए हैं।

एसएसपी ने बताया कि फरार अपराधियों की तलाश जारी है।