logo

झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने सीएस से की वेतन विसंगति दूर करने की मांग

project1.jpg

द फॉलोअप डेस्क
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को एक पत्र सौंप कर झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों की वेतन विसंगति को दूर करने का आग्रह किया है। संघ की अध्यक्ष रंजीता हेंब्रम और महासचिव राहुल कुमार द्वारा सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि झारखंड प्रशासनिक सेवा में संयुक्त सचिव स्तर के 125, अपर सचिव के 15 और विशेष सचिव के 10 पद हैं। इन पदाधिकारियों को लेवल 13 (ग्रेड पे 8700), लेवल 13 (ग्रेड पे 8700) और लेवल 13ए (ग्रेड पे 8900) का वेतनमान मिलता है। इस तरह संयुक्त सचिव से अपर सचिव के पद पर प्रोन्नति के बाद भी उन्हें वेतन वृद्धि का कोई लाभ नहीं मिलता है। इस तरह प्रोन्नति के बाद भी वेतन वृद्धि नहीं होना मानव संसाधन प्रबंधन के सिद्धांतों की अवहेलना है।


इसके अलावा संघ ने कहा है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का अधिकतम वेतनमान लेवन 13 ए (ग्रेड पे-8900) है। जबकि राज्य के कुछ अन्य सेवाओं, अभियंत्रण सेवा, चिकित्सा सेवा के अधिकारियों को लेवल 14 (ग्रेड-पे 10000) का वेतनमान मिलता है। इससे भी झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए अपर सचिव एवं विशेष सचिव रैंक के अधिकारियों को लेवल 13 ए एवं 14 का वेतनमान दिया जाना चाहिए। इससे सरकार कोई विशेष वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। संघ का कहना है कि झारखंड प्रशासनिक सेवा को पुनर्गठित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। पर कमेटी की अनुशंसा मिलने में समय लगने की संभावना है। इस बीच झाप्रसे के अधिकार रिटायर करते जा रहे हैं। वित्तीय लाभ से वंचित होते जा रहे हैं। इसलिए सरकार तो तत्काल वेतन विसंगति दूर करनी चाहिए।

Tags - jharkhand administrative service chief secretrysalary discrepancylatest news