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Ranchi : खोरठा भाषा के सिलेबस में हुआ संशोधन, जानिए! क्या जोड़ा और क्या हटाया

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रांची: 

झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संयुक्त स्नातक योग्यताधारी प्रतियोगिता परीक्षा-2022 में क्षेत्रीय भाषा खोरठा भाषा के पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इससे संबधित पत्र जारी किया है। 

गद्य भाग में पढ़ना होगा 3 किताब
बतौर क्षेत्रीय भाषा खोरठा भाषा का चयन करने वाले अभ्यर्थियों को गद्य भाग में 3 किताबों का अध्ययन करना होगा। अभ्यर्थियों को गद्य भाग में चितरंजन महतो चित्रा द्वारा लिखित कहानी संग्रह छॉइहर, डॉ. विनोद कुमार द्वारा लिखित कहानी संग्रह सोंध माटी और डॉ. बीएन ओहदार द्वारा लिखित खोरठा निबंध का अध्ययन करना होगा। पाठ्यक्रम पहले से कम किया गया है। 

पद्य भाग में अभ्यर्थियों को ये पढ़ना होगा
पद्य भाग में अभ्यर्थियों को शिवनाथ प्रमाणिक द्वारा लिखित दामुदेरग कोरांग, श्रीनिवास पानुरी द्वारा लिखित आंखीक गीत, डॉ. एके ओझा द्वारा लिखित खोरठा-कोठ पइदेक खेड़ी और संतोष महतो द्वारा लिखित एक मउनी फूल पढ़ना होगा। 


नाटक में अभ्यर्थियों को सुकुमार द्वारा लिखित डाह, विश्वनाथ दसौधी राज द्वारा लिखित अजगर, श्रीनिवास पानुरी द्वारा लिखित चाभी काठी और श्रीनिवास पुरी द्वारा लिखित उदवासल कर्ण पढ़ना होगा। इसके अलावा अभ्यर्थियों को साहित्य की अन्य विधाएं जैसे कि संस्मरण, जीवनी, यात्रा वृतांत और शब्द चित्र का भी अध्ययन करना होगा। 

व्याकरण जोड़ने की मांग कर रहे थे
गौरतलब है कि खोरठा भाषा के सिलेबस में व्याकरण को भी जोड़ा गया है जिसमें अभ्यर्थियों को संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, काल, कारक, समास और उपसर्ग का अध्ययन करना होगा। गौरतलब है कि खोरठा भाषा के छात्र लंबे समय से खोरठा भाषा में व्याकरण को शामिल करने की मांग कर रहे थे। अभ्यर्थियों की ये भी मांग थी कि सिलेबस को छोटा किया जाये।