रांची:
गुरुवार (24 मार्च) को अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान सदन में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं हो सकती इस निर्णय के लिए मंच की ओर से हृदय से साधुवाद किया। दरअसल, मुख्यमंत्री ने बुधवार को सदन में कहा था कि मैं कानून के जानकार हैं तो अच्छी तरह जानते हैं कि स्थानीयता के आधार पर नियोजन नीति नहीं बन सकती।
राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश की गई!
कैलाश यादव ने कहा की सुनियोजित तरीके से कुछ राजनीतिक दल कुछ सामाजिक संगठनों को आगे कर राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग के नाम पर राज्य में साढ़े 3 करोड़ झारखंडी लोगों में अशांति पैदा करना चाहते थे। राज्य में अमन चैन आपसी भाईचारा बिगाड़ने की कोशिश करने के प्रयास में थे। जबकि सभी लोगों को मालूम है कि राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं हो सकती क्योंकि यह विषय आधारहीन एवं असंवैधानिक है।
मुख्यमंत्री ने अपनी दूरदर्शी सोच का परिचय दिया
कैलाश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी पहलुओं को खंगालने के बाद ही अपनी अनुभव और दूरदर्शी सोच का परिचय देकर सदन में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के विषयों पर अनिश्चिता समाप्त कर विराम लगा दिया। निश्चित तौर पर सीएम हेमंत सोरेन बधाई के पात्र हैं और राज्य में एक बड़ी अनहोनी घटना होने से और जलने से बचाने का काम किया है।
झारखंड को विकसित और समृद्ध बनाने का प्रयास हो
यादव ने कहा की सीएम भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषा को राज्य में शामिल कर इस विषय पर भी विराम लगाने और झारखंड को विकसित एवं समृद्ध राज्य बनाने की ओर कार्य करे, लेकिन जब तक भाषा विवाद समाप्त नही होता मंच का चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। 26 मार्च को एचईसी सेक्टर 2 पंचमुखी हनुमान मंदिर में बैठक 11 बजे से होगी।