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JPSC : जानिए टॉपर सावित्री के बारे में जिन्होंने IIT मुंबई की नौकरी छोड़ की JPSC की तैयारी

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रांचीः
वैसे तो जेपीएससी हमेशा ही विवादों से घिरा रहा है। ऐसी कोई भी परीक्षा नहीं हुई है जिसमें विवाद ना हुए हों। सातवीं से लेकर 10वीं तक का जेपीएससी परीक्षा में भी कई तरह के विवाद हुए, कई धरना प्रदर्शन हुए, लोगों ने जमकर विरोध किया जेपीएससी पर कई तरह के आरोप लगे लेकिन इसके बावजूद भी जेपीएससी मुख्य परीक्षा का भी आयोजन किया, साक्षात्कार भी हुआ और आखिरकार परिणाम भी घोषित हुआ। मंगलवार को देर शाम सातवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा-2021 का परिणाम जारी किया गया। इसमें सावित्री कुमारी  स्टेट टॉपर रही वहीं कुमार विनोद को दूसरा तथा मो. अरमानुल हक को तीसरा स्थान मिला।


9-16 मई को हुए थे साक्षात्कार 
बता दें कि सावित्री का चयन राज्य प्रशासनिक सेवा में हुआ है, जबकि विनोद और अरमानुल हक का चयन उनके विकल्प के अनुसार राज्य पुलिस सेवा में हुआ है। 9-16 मई को हुए साक्षात्कार के बाद परिणाम जारी किया गया। इसमें विभिन्न सेवाओं में कुल 252 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। मुख्य परीक्षा में सफल घोषित 802 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था। जिसमें से कि चार अनुपस्थित रहे थे। गौरतलब है कि इस परीक्षा के लिए पिछले साल 15 फरवरी से आनलाइन आवेदन भरे गए थे। सातवीं सिविल सेवा परीक्षा चार वर्षों वर्ष 2017, 2018, 2019 तथा 2020 के कुल 252 पदों के लिए एक साथ ली गई थी। 


 आईआईटी मुंबई की नौकरी छोड़कर की तैयारी
सावित्री कुमारी ने आईआईटी मुंबई की नौकरी छोड़कर जेपीएससी की तैयारी शुरू की थी क्योंकि उनका सपना रहा है कि वह जमीनी स्तर पर काम कर सकें। सावित्री बोकारो जिले के कसमार प्रखंड स्थित धातु गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने आईआईटी मुंबई में क्लाइमेंट चेंज डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़कर जेपीएससी की तैयारी की। पिता राजेश्वर प्रसाद नायक गांव में वेल्डिंग की छोटी सी दुकान चलाते हैं। मां चिंता देवी गृहणी है। तीन बहनों में सावित्री दूसरे नंबर पर हैं। बड़ी बहन गायत्री कुमारी कंप्यूटर इंजीनियर है। छोटी बहन सविता कुमारी मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के फाइनल में है।


एक साल खुद को घर में कैद कर लिया 
सावित्री कहती है कि मैंने करीब 1 वर्ष तक खुद को घर में कैद कर लिया था। रोज करीब 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई करती थी। सावित्री की प्रारंभिक शिक्षा गांव के मिडिल स्कूल में हुई। उसके बाद उनका चयन नवोदय विद्यालय में हो गया। वर्ष 2010 में उन्होंने छात्रवृत्ति पर एशियन यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश में जाकर स्नातक करने का मौका मिला। एनवायरमेंट साइंस एंड मैथमेटिक्स में स्नातक के बाद उन्होंने एनवायरमेंट चेंज एंड मैनेजमेंट की पढ़ाई में यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में की।