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झारखंड के 17 लाख स्कूली बच्चों को नहीं मिली ड्रेस, प्रिसिंपल पर हुई ये कार्रवाई

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द फॉलोअप डेस्क   

झारखंड के 17 लाख स्कूली बच्चों को ड्रेस नहीं मिली है। हालांकि इसके लिए शिक्षा विभाग के आदेश पर झारखंड शिक्षा परियोजना को राशि भी दे दी गयी है। इसमें जिन स्कूलों के प्रिंसिपल को लापरवाह औऱ दोषी पाया जायेगा, उनके वेतन पर रोक लगेगी। मिली खबर में बताया गया है कि बच्चों की ड्रेस के लिए 5 महीने पहले ही राशि निर्गत की जा चुकी है। साथ ही 5 माह के बाद सत्र समाप्त होने वाला है, तो भी ड्रेस का नहीं मिलना, बड़े सवाल खड़ा करता है। बता दें कि शैक्षणिक सत्र 23-24 में राज्य के कुल 3493405 बच्चों को स्कूल ड्रेस दी जानी है। इनमें से 17 लाख बच्चों को ड्रेस नहीं मिली है। ये राशि कहां गयी, इसपर भी सवाल उठ रहे हैं। 

सितंबर तक ड्रेस देने के लिए हुई थी बैठक 

बच्चों को स्कूल ड्रेस नहीं मिलने की सूचना अखबारों में आने के बाद शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया था। इसमें राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को बुलाया गया था। तय हुआ था सितंबर 2023 तक सभी बच्चों को ड्रेस दे दी जायेगी। लेकिन जनवरी शुरू होने के बाद भी 17 लाख बच्चों को अभी भी ड्रेस देने का काम बाकी है। वहीं इस बारे में कई स्कूलों के प्रबंधन का कहना है कि इस मामले में सबसे बड़ी समस्या छात्रों का बैंक अकाउंट नहीं होना है। कक्षा एक औऱ दो के बच्चों का बैंक अकाउंट नहीं होने की हालत में विद्यालय प्रबंधन समिति उनके लिए ड्रेस की खऱीदारी करती है। इस काम में भी लापरवाही की सूचना है। ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपल का वेतन रोकने की तैयारी चल रही है। 

क्या-क्या मिलता है बच्चों को 

सरकारी स्कूलों की अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों के लिए अलग-अलग ड्रेस का प्रावधान किया गया है। कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को दो सेट ड्रेस मिलती है। साथ ही उनको स्वेटर और जूता-मोजा खरीदने के लिए 600 का भुगतान बैंक के माध्यम से किया जाता है। इसी तरह कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को दो सेट ड्रेस दी जाती है। उनको स्वेटर के लिए 200 औऱ जूता-मोजा के लिए 160 रुपये दिये जाते हैं। ड्रेस नहीं मिलने पर छात्रों को अलग से 400 रुपये उनके अकाउंट में भेजा जाता है।