रांची
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव टीके अनिल कुमार ने 11 एवं 12 अप्रैल को झारखंड का दो दिवसीय दौरा किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत संचालित गतिविधियों का अवलोकन कर उनके प्रभाव एवं प्रगति का जायजा लिया। दौरे के पहले दिन कुमार ने खूंटी ज़िले के तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकरा में संचालित संकुल संगठन प्राइवेट लिमिटेड का दौरा किया। यहाँ दीदियों ने पारंपरिक रीति से उनका स्वागत किया। उन्होंने गठजोर गांव में आजीविका संसाधन केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहाँ उन्नत कृषि जैसे मिर्च, स्ट्रॉबेरी, अनानास, केला, ड्रैगन फ्रूट की खेती के साथ मुर्गीपालन, अंडा उत्पादन एवं बतख पालन की गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं।सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त होती सखी मंडल की महिलाओं से संवाद करते हुए अपर सचिव ने उनके अनुभव, चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ सुनीं। उन्होंने पलाश ब्रांड के अंतर्गत 'आदिवा' द्वारा निर्मित पारंपरिक आभूषणों के स्टॉलों का अवलोकन किया। इसके अलावा आजीविका पशु सखी, बागवानी सखी एवं आजीविका कृषक सखी जैसे विभिन्न कैडरों से मुलाकात कर मोबाइल एप्लिकेशन आधारित नवाचारों का लाइव प्रदर्शन देखा।
कुमार ने JSLPS के राज्य कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक करLokOSकी प्रगति, क्रियान्वयन की प्रक्रिया और व्यवस्थागत चुनौतियों पर चर्चा की। साथ ही पलाश ब्रांड की गतिविधियों की भी समीक्षा की। AI के उपयोग पर ज़ोर
कुमार ने विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)औरक्रॉस लर्निंगके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों को अपनाकर हम ग्रामीण समुदाय को अधिक सशक्त बना सकते हैं और यह एक दीर्घकालिक, सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। दौरे के दूसरे दिन अपर सचिव ने राँची जिला में JSLPS द्वारा संचालित पलाश उत्तम एग्रो प्रोसेसिंग सेंटर का दौरा किया। इस अवसर पर झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के. निवासन, JSLPS की सीईओ मती कंचन सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
सीएलएफ की दीदियों द्वारा पारंपरिक स्वागत के पश्चात प्रोसेसिंग सेंटर का अवलोकन किया गया। प्रोसेसिंग इंचार्ज रुणा दीदी ने दाल, बेसन और मसालों की प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग प्रक्रिया साझा की, जबकि सेंटर इंचार्ज जया दीदी ने कच्चे माल की खरीद से लेकर विक्रय तक की पूरी प्रक्रिया में समूहों की भागीदारी पर प्रकाश डाला। दौरे के दौरान उत्पादनों के रजिस्टर संधारण, सिंपली खातामें प्रविष्टियों, विपणन रणनीतियों एवं विक्रय से जुड़ी जानकारियाँ साझा की गईं। सीएलएफ की बैठक में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और विभिन्न कैडरों की दीदियों ने अपने अनुभव साझा किए। इसके अलावा, कुमार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण केंद्र का भी दौरा किया और प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं से सीधा संवाद किया।
“ग्रामीण महिलाओं के नेतृत्व में हो रहा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन”
अपर सचिव का यह दौरा राज्य में महिलाओं के नेतृत्व वाले ग्रामीण उद्यमों और नवाचारों के लिए एक सशक्त प्रेरणा बना। उन्होंने महिला समूहों की भागीदारी की सराहना करते हुए ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को निर्णायक बताया। साथ ही उन्होंने यह विश्वास जताया कि डिजिटल नवाचारों एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से हम ग्रामीण समाज को और अधिक सशक्त, सक्षम एवं आत्मनिर्भर बना सकते हैं।