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छत्तीसगढ़ : ईडी का समन नहीं, बीजेपी का उपयोग किया गया हथकंडा है – हेमंत

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द फॉलोअप टीम

ईडी द्वारा दिए गए समन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को दिन भर भाजपा पर हमलावर रहे। रांची में सीएम आवास के बाहर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मैसेज दिया कि वे डरने वाले नहीं हैं। इसके बाद सीएम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यहां भी उन्होंने ईडी और भाजपा को खूब खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि हम चोर-उचक्के या हत्यारे हैं क्या। कल समन दिया कि आज आ जाएं। इस महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण पहले ही तय कर लिया गया था। हर चीज का एक व्यावहारिक आचरण है। ये भी ध्यान रखा जाना चाहिए। हमारे राज्य में राष्ट्रपति महोदय आ रही हैं। अगर इतना ही संगीन गुनाह है तो समन क्यों? सीधे आकर अरेस्ट कर ले जाना चाहिए। हमने कहां मना किया है। ये समन देकर, एक योजनाबद्ध तरीके से बेमौसम होली, दिवाली पटाखे बंटते हैं। हमारे विपक्ष का ये एक सुनियोजित षड़यंत्र है। मैं समझता हूं कि ये ईडी का समन नहीं, बीजेपी के द्वारा उपयोग किया गया हथकंडा है।

आदिवासी देश के सबसे पिछड़े समाज में शामिल

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज देश के सबसे पिछड़े समाजों में से है। आज काफी मशक्कत के बाद, काफी जंग लड़ने के बाद ये समूह धीरे-धीरे अपनी जगह पकड़ता जा रहा है। अपनी पहचान कायम कर रहा है। निश्चित रूप से भारतीय इतिहास में आदिवासियों की एक बड़ी भूमिका है। लेकिन कहीं न कहीं उनकी भूमिकाओं को सही तरीके से जगह नहीं मिल पाई। मगर आज छत्तीसगढ़ व झारखंड में आदिवासियों के विकास का प्रयास जारी है। उसी झलक आज हमलोगों ने यहां देखा।

20 अक्टूबर को मिला था कार्यक्रम का निमंत्रण

छत्तीसगढ़ के रायपुर में 1 से 3 नवंबर तक चलने वाले तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रण मिला था। 20 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ राज्य के विधायक खेल साय सिंह, विधायक एवं संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह, संयुक्त कलेक्टर संदीप ठाकुर, सुभाष गोयल और कन्हैया लाल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से मिलकर निमंत्रण पत्र दिया था। बताया गया था कि झारखंड समेत सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के आदिवासी कलाकारों के दलों को प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। इस महोत्सव के आयोजन का मकसद आदिवासी कला- संस्कृति और कलाकारों को बेहतर मंच प्रदान करना है।