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सुप्रीम कोर्ट ने कहा : विपक्ष 2 सप्ताह में तय करे नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचिव को हलफनामा दायर करने को कहा 

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द फॉलोअप डेस्क 

 
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को दो सप्ताह के भीतर नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों पर नियुक्ति से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि झारखंड में नेता प्रतिपक्ष के पद पर कोई नियुक्ति न होने के कारण सूचना आयोग में नियुक्ति से जुड़ी सेलेक्शन कमेटी की बैठक नहीं हो पाई है।

नेता प्रतिपक्ष इस कमेटी के सदस्य होते हैं, लेकिन फिलहाल झारखंड विधानसभा में यह पद रिक्त है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि झारखंड विधानसभा की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी अपने किसी निर्वाचित सदस्य को विपक्ष का नेता नॉमिनेट करें।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सेलेक्शन कमेटी में विपक्ष के नेता की नियुक्ति की प्रक्रिया दो सप्ताह में पूरी की जानी चाहिए। इसके बाद, कमेटी मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी। कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव से आदेश के अनुपालन में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

पूर्व में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया चार सप्ताह के भीतर शुरू हो, और इसके अनुपालन का हलफनामा दायर किया जाए। झारखंड सरकार के वकील ने अदालत में तर्क दिया था कि चयन समिति में आवश्यक कोरम की कमी के कारण सूचना आयुक्तों की नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।

अब, सरकार ने कोर्ट में दाखिल किए गए पूरक हलफनामे में बताया कि सूचना आयोग में नियुक्तियों के लिए जून 2024 में एक विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं हो पाई। वहीं, याचिकाकर्ता ने बताया कि 2020 से झारखंड राज्य सूचना आयोग निष्क्रिय पड़ा है, जिसके कारण आरटीआई से संबंधित हजारों मामले लंबित हैं।


 

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