द फॉलोअप डेस्क, रांची:
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड की मौजूदा महागठबंधन सरकार के कार्यकाल की तुलना मुगलिया सल्तनत से कर दी। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कमीशन घोटाला केस में ईडी द्वारा दाखिल पिटीशन से ऐसा लगता है कि झारखंड में भी जहांपनाह दरबार सजाते थे। अधिकारियों का दरबार लगता था। बालायें नाचती थी और जाम छलकाये जाते थे। उन्होंने कहा कि जिस आदिवासी-मूलवासी को सत्ता में भागीदार बनाकर सरकार बनाई, उसी की गाढ़ी कमाई खा गई। उन्होंने कहा कि ईडी की पिटीशन के 54 बिंदु पूरे मामले का खुलासा करते हैं। इसका बकायदा डिजिटल एविडेंस भी मौजूद है।
ग्रामीण विकास विभाग में ही 3000 करोड़ का घोटाला
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हेमंत सोरेन प्रकरण में ईडी द्वारा दाखिल पिटीशन के प्वॉइंट-51 से पता चलता है कि केवल ग्रामीण विकास विभाग में ही 3 हजार करोड़ रुपये का कमीशन कांड हुआ है। घोटाले के तार मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े हैं। उनके सहयोगियों ने ही यह स्वीकार किया है। इतना सब हुआ लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस खामोश है। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस ने इस बात पर भी चुप्पी साध ली है कि बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का कब्जा था। ईडी की पिटीशन में बताया जा रहा है कि सर्किल ऑफिसर मनोज कुमार, पिंटू के आप्त सचिव उदयशंकर प्रसाद, पूर्व सीओ शैलेष कुमार और केयरटेकर संतोष पाहन ने गवाही में बताया है कि उक्त जमीन हेमंत सोरेन की है। इसे संस्थागत करप्शन कहा जाता है।
रामभक्त होने का दावा कर रही कांग्रेस गिरेबां में झांके
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आज रामभक्त होने का नाटक कर रही कांगेस ने ही 2007 में यूपीए कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर रामलला को काल्पनिक पात्र और रामायण को काल्पनिक ग्रंथ बताया था। इन्होंने तो राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया।