हजारीबागः
17 वर्षीय रूपेश पांडेय हत्याकांड मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक पहुंच गया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रूपेश पांडे के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने मीडियाकर्मियों बात करते हुऐ कहा कि यह मामला मॉब लिंचिंग का है। रूपेश पांडे हत्याकांड की जो जांच है वह किशोर न्याय अधिनियम की भावना के विपरीत है। ऐसा प्रतीत होता है कि किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधान नाबालिग के साथ जांच में जो व्यवहार अपनाने चाहिए वे नहीं अपनाए गए।
कहां तक पहुंच है जांच
कानूनगो ने जांच अधिकारी से पूछा है कि उन्होंने अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई कर रहे हैं। उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं हुई है कि किसी अपराधी की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई हुई है या नहीं, या किसी आरोपी को फरार घोषित करने की कार्रवाई की या उनका अनुसंधान कहां तक पहुंचा है। प्रियंक कानूनगो रूपेश पांडेय के घर में आधे घंटे तक रहे। वह यहां एक बजे पहुंचे। पर्यटन विभाग में मौजूद अधिकारियों के साथ बैठक की। वहां पर डीसी एसपी और जांच पदाधिकारी समेत अन्य लोगों से घटना की जानकारी ली।
विसर्जन जुलूस के दौरान हत्या
बता दें कि बरही में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन जुलूस देखने के निकले रूपेश पांडेय की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर है।