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गर्व है कि PM ने उलिहातू से लॉन्च की 'विकसित भारत संकल्प यात्रा', विधानसभा स्थापना दिवस पर बोले स्पीकर

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड विधानसभा के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान स्पीकर रवीन्द्रनाथ ने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि पीएम ने विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत भगवान बिरसा के जन्मस्थल उलिहातू से की। इसमें हमें इस बात ध्यान रखना होगा कि अबतक जो इस विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, जो भारत गांव में रहता है, जो भारत गरीबी में अपना जीवन बसर करता है इसबार हमें उनका घ्यान रखना है। स्पीकर ने आगे इसी पर चर्चा करते हुए कहा कि जिस भारत तक संसाधन नहीं पहुंच पाई है ,हमें इस विकसित भारत संकल्प यात्रा में उसे जोड़ना चाहिए। इसके साथ ही राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की मौजूदगी में इस बात पर दुख जाहिर किया कि सदन से पास हुए कई अहम विधेयकों को मंजूरी नहीं मिली। उन्हें मंजूरी मिलनी चाहिए थी। 


सरकार भी जनता की आवाज के प्रति जवाबदेह बनें
स्पीकर ने आगे कहा कि विकसित भारत के लिए संघवाद और संसदीय लोकतंत्र का ध्यान रखा जाना जरूरी है। क्योंकि, ये भारतीय संविधान के दो मूलभूत संरचना है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार भी जनता की आवाज के प्रति जवाबदेह बनें। बहुमत के आधार पर जीतकर सरकार जनता के सवाल से मुंह नहीं मोड़ सकती है। इसके लिए सदन एक ऐसी जगह है, जहां सवालों के जरिये सरकार को बाध्य किया जा सकता है, जिससे जनहित में काम हो। इसके लिए सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी को सजग रहने की जरूरत है। इसके लिए पक्ष और विपक्ष को विधानसभा में चुनावी राजनीति से उपर उठकर लोकहित में नीतियां बनाने के लिए काम करना चाहिए। 


अबतक करीब 50 हजार युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण के तरह दी गई नौकरी
स्पीकर ने आगे कहा कि विधायी हस्तक्षेप से जनकल्याण का सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण झारखंड के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन कानून 2021 है। इसके माध्यम से झारखंड में कार्यरत निजी संयंत्रों में 75 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। यह आरक्षण की व्यवस्था न केवल नीचे के पदों के लिए है, बल्कि 40 हजार रूपये के मानदेय तक के लिए है। अबतक करीब 50 हजार युवाओं को इस कानून के तहत नौकरियां दी गयी हैं और निश्चित रूप से यह विधेयक झारखंड की तस्वीर बदलने में कारगर साबित होगा। राज्य एक खनिज बहुल क्षेत्र है। ऐसे में इस पर ध्यान देना चाहिए कि खनिज के दोहन और उससे प्राप्त होने वाले धन पर केंद्र का एकाधिकार हो, जिससे समुचित विकास हो सके। विकास तभी संभव है जब सहकारी संघवाद की विचारधारा का पालन किया जाये।

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