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सदर अस्पताल में चाहिए 200 डॉक्टर, हैं केवल 60; पैरामेडिकल कर्मी भी पर्याप्त नहीं

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द फॉलोअप डेस्कः
रांची के सदर अस्पताल में 500 बेड की क्षमता है। लेकिन 300 बेडों पर इलाज संभव हो पा रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव है। इस कारण सभी बेड पर इलाज नहीं हो पा रहा है। आईपीएच नॉर्म की तुलना में एक चौथाई डॉक्टर भी कार्यरत नहीं हैं। तीनों शिफ्ट में विभिन्न विभागों में 500 बेड के लिए करीब 200 डॉक्टर चाहिए लेकिन 60 से भी कम डॉक्टर हैं। एक शिफ्ट में 15 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। इसलिए मरीजों को स्टैंडर्ड इलाज देना संभव नहीं है। इसके साथ ही नर्सिंग कर्मी, लेबोरेट्री टेक्नीशियन और पारामेडिकल स्टाफ की भी कमी है।

ट्रेनी नर्सों से भी लिया जा रहा काम 

ट्रेनिंग के लिए आने वाली नर्सिंग छात्रों से भी काम करवाया जा रहा है। पारा मेडिकल स्टाफ भी आधे से कम संख्या में हैं। डॉक्टरों की कमी के बाद भी सिविल सर्जन के नेतृत्व में आयुष्मान भारत योजना से विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ से सेवा ली जा रही है। इसमें कैंसर, हृदयरोग, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी सहित अन्य रोग के इलाज की सुविधा मिल रही है। कैंसर के मरीजों को बिना पैसे के इलाज मिल रहा है। इन विभाग के डॉक्टरों को सदर अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान भारत योजना से होने वाली आय से भुगतान किया जा रहा है। फ्री में दवा भी दी जाती है। 


डॉक्टरों की मांग की गई
डॉ प्रभात ने बताया कि एनएचएम से डॉक्टरों की मांग की गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि एनएचएम से आईपीएच नॉर्म्स के अनुसार डॉक्टर, नर्स और पारामेडिकल स्टाफ की मांग की गई है। इससे पहले पूर्व सिविल सर्जन ने सही से अस्पताल के संचालन के लिए 200 से अधिक ट्रेंड कर्मी की मांग की थी।