द फॉलोअप डेस्क
लोकतंत्र बचाओ अभियान ने आज राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने निष्पक्ष मतदान के लिए कई मांगे की। अभियान पत्र में कहा कि लगातार शिकायतों के बावजूद आयोग द्वारा बीजेपी नेताओं के सांप्रदायिक भाषणों और धार्मिक ध्रुवीकरण, जो आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का खुला उल्लंघन है, के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी। हाल में शोध रिपोर्ट में उजागर हुए बीजेपी के शैडो सोशल मीडिया एकाउंट्स, जिनसे सांप्रदायिक, विभाजनकारी और आदिवासी-विरोधी पोस्ट किये जाते हैं, उनके विरुद्ध भी आपने कार्रवाई नहीं की। वे पेज आज भी सक्रिय हैं। ऐसी परिस्थिति में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
अभियान ने लोक सभा चुनाव क दौरान हुए उल्लंघनों को याद दिलाते हुए कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान 48 घंटे के साइलेंस पीरियड में मतदान के दौरान बीजेपी द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर कई तरीके से मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की गयी थी। चुनाव के दिन बीजेपी द्वारा राज्य के सभी प्रमुख अख़बारों के पहले पृष्ठ में पार्टी का चिह्न व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो के साथ चुनावी विज्ञापन छापा गया था। मतदान के दिन बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं को पार्टी चिह्न, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनावी नारे के साथ छपी हुई मतदाता पर्चियां बांटी गई थी। साथ ही, अनेक पोलिंग अधिकारी द्वारा मतदान के अंत में बूथ एजेंट को अभिप्रमाणित फॉर्म 17सी नहीं दिया गया था।
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए अभियान ने आशंका व्यक्त की है कि बीजेपी द्वारा फिर से मतदान को प्रभावित करने के लिए ऐसे हठकंडे अपनाये जायेंगे। अभियान ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और लोकतंत्र की गरिमा को याद दिलाते हुए निम्न मांग किया है:
•सोशल मीडिया पर बीजेपी के सारे शैडो एकाउंट्स को बंद कर उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाई हो।
•मतदान के दिन राज्य के किसी भी अख़बार में बीजेपी या अन्य पार्टियों द्वारा किसी प्रकार का चुनावी विज्ञापन न दिया जाये।
•मतदान समाप्ति के 48 घंटे की अवधि में बीजेपी या किसी भी दल द्वारा चुनाव चिन्ह युक्त मतदाता पर्ची का वितरण न किया जाये।
•चुनाव के दौरान प्रतिनियुक्त होने वाले केंद्रीय सुरक्षा बलों के निष्पक्षता पर विशेष निगरानी की जाए।
•EVM सम्बंधित प्रक्रियाओं की पारदर्शिता व विशेष निगरानी सुनिश्चित किया जाये. उदहारण के लिए, EVM की ID संख्या को शुरू से अंत तक मिलान करना, पोलिंग से पहले मॉक वोट्स को जीरो करना, पोलिंग अधिकारी की निष्पक्षता, मतदान के अंत में कंट्रोल यूनिट के बैटरी स्टेटस को दर्ज करना, स्ट्रोंग रूम व काउंटिंग के समय विशेष निगरानी आदि।
•मतदान के अंत में हर बूथ एजेंट को अभिप्रमाणित फॉर्म 17सी दिया जाना सुनिश्चित किया जाये।