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जमशेदपुर में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान अचेत हुई बीमार महिला, लोगों ने जमकर किया बवाल

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जमशेदपुर
ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग के दौरान जमशेदपुर में फिर एक बवाल हुआ है। दरअसल, बागबेड़ा थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड स्थित संकटा सिंह पेट्रोल पंप के पास बुधवार को ट्रैफिक पुलिस के द्वारा वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी क्रम में अपनी बीमार पत्नी को बाइक से अस्पताल ले जा रहे एक व्यक्ति की किसी बात को लेकर ट्रैफिक पुलिस के साथ बहस हो गयी। सूचना के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग के दौरान अस्पताल जाने की जल्दबाजी के कारण बाइक नहीं रोकने पर गाड़ी पर सवार चालक और उसकी पत्नी से ट्रैफिक पुलिस का जवान उलझ गया। बताया जा रहा है कि बाइक में पीछे बैठी महिला की तबियत काफी खराब थी। जिसे उसका पति अस्पताल ले जा रहा था। इसी क्रम में ट्रैफिक पुलिस के वाहन चेकिंग के जद में वो आ गये। आरोप है कि चेकिंग के दौरान बाइक नहीं रोकने पर ट्रैफिक पुलिस के जवान ने गाड़ी को पकड़ने की कोशिश की। जिससे कि गाड़ी अनियंत्रित हो गयी और बाइक के पीछे बैठी महिला सड़क पर आ गिरी। इस दौरान तबियत खराब होने के कारण महिला की स्थिति अचेत हो गयी। इसके बाद महिला का पति ट्रैफिक पुलिस से उलझ गया। मौके पर मौजूद लोगों ने भी ट्रैफिक पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान घटना ने आक्रोशित लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सड़क पर उतरकर ट्रैफिक पुलिस के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सड़क को जाम कर दिया। इसके कारण गोलचक्कर के पास लंबा ट्रैफिक जाम लग गया और यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी। करीब आधे घंटे तक यह स्थिति बनी रही।

इधर, सूचना मिलने पर पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिश की। इस दौरान अधिकारियों ने लोगों को उचित जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद स्थिति सामान्य हुई और लोगों ने जाम हटाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक चेकिंग के नाम पर पुलिस की कार्रवाई अब आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। लोगों ने मांग की है कि पुलिस को मानवता को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्यशैली में बदलाव लाते हुए संवेदनशीलता और संयम बरतने की जरूरत है।
इधर, जमशेदपुर के ट्रैफिक डीएसपी नीरज कुमार का कहना है कि महिला को बाइक से ले जा रहे व्यक्ति के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना गैर कानूनी है। पूरे मामले की जांच का जिम्मा ट्रैफिक इंस्पेक्टर को सौंपा गया है। ट्रैफिक चेकिंग के दौरान तैनात जवान बॉडी वॉर्न कैमरा से लैश था। उसके कैमरे की फुटेज की जांच की जा रही है। दोषी पाये जाने पर जवान के विरुद्ध कावश्यक कार्रवाई की जायेगी।


 

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