द फॉलोअप डेस्क
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को झामुमो ने केंद्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया है। इसके बाद से स्पीकर को किसी पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाये जाने को लेकर तरह तरह के सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। इसे नैतिकता से जोड़ कर गलत बताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि स्पीकर किसी पार्टी के एक्टिव मेंबर नहीं रह सकते हैं, भले ही वह किसी दल से ही क्यों न जुड़े होते हैं। स्पीकर के पद पर बैठने के बाद वह किसी पार्टी से जुड़ाव नहीं रख सकते। उसके एक्टिव मेंबर नहीं रह सकते। पार्टी की बैठक या सभाओं में नहीं जा सकते।
क्या कहते हैं स्पीकर रबींद्र नाथ महतो
स्पीकर रबींद्र नाथ महतो का कहना है कि कार्यकारिणी का सदस्य बनाए जाने के बाद, उनसे भी कई लोगों ने पूछा है। भले ही संवैधानिक रूप से पार्टी कार्यकारिणी का सदस्य न रहने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन वह इस पद से इस्तीफा दे देंगे।
क्या कहते हैं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदरसिंह नामधारी
झारखंड विधानसभा के पहले अध्यक्ष इंदरसिंह नामधारी का भी कहना है कि स्पीकर किसी पार्टी के सक्रिय मेंबर नहीं रह सकते हैं। ऐसा दिखने के लिए उन्हें किसी पार्टी के सक्रिय मेंबर के पद पर नहीं रहना चाहिए। भले ही वह किसी दल से ही जुड़े रहते हैं, लेकिन वह पार्टी के सक्रिय सदस्य नहीं रह सकते।
क्या कहते हैं झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय
झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि स्पीकर झामुमो कार्यकारिणी के मेंबर रह सकते हैं। स्पीकर किसी दल के ही टिकट पर चुनाव जीतते हैं। उस दल के वह विधायक भी होते हैं। इसलिए उस पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य क्यों नहीं हो सकते।