द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का तरीका अब बदलने वाला है। राज्य सरकार ने 2026 से नया पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में वर्ष 2026 में कक्षा 1 से 4 तक और फिर 2027 से कक्षा 5 से 8 तक के सिलेबस में बदलाव किया जाएगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है।
झारखंड के सामाजिक परिवेश को मिलेगा महत्व
पाठ्यक्रम को स्थानीय संदर्भों से जोड़ते हुए झारखंड के इतिहास, संस्कृति और महापुरुषों को प्रमुखता दी जाएगी। इसमें गुरुजी शिबू सोरेन की जीवनी, उनके आंदोलनों और योगदान को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा क्रिकेट में भारत को 2 विश्व कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी, हॉकी और तीरंदाजी जैसे खेलों में राज्य का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की जानकारी भी बच्चों को दी जाएगी।
सीखने की कला पर रहेगा जोर
नए पाठ्यक्रम में बुनियादी साक्षरता, समझ और सीखने की कला को विशेष महत्व मिलेगा। 'लर्निंग आउटकम' को ध्यान में रखते हुए पूरे सिलेबस को दोबारा डिज़ाइन किया जाएगा। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JERT) इस काम की अगुवाई करेगा। विषय विशेषज्ञों और शिक्षकों की मदद से पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
पुस्तक वितरण की नई व्यवस्था
राज्य सरकार अब पश्चिम बंगाल की तरह किताबों का वितरण करेगी। अप्रैल 2026 से झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में एक साथ किताबें पहुंचाई जाएंगी। अप्रैल के पहले पखवाड़े में ही पुस्तक वितरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए किताबों की छपाई और वितरण की तैयारी मार्च 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है। बता दें कि झारखंड के गठन के बाद यह दूसरी बार है जब राज्य में कक्षा 1 से 4 तक के पाठ्यक्रम को बदला जा रहा है। सरकार का मानना है कि नए पाठ्यक्रम से बच्चों में सीखने की क्षमता बढ़ेगी और वे अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को जान सकेंगे।