द फॉलोअप डेस्क
राज्य में विभिन्न विभागों से जुड़े लोक शिकायतों के दो हजार से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें 500 से अधिक ऐसे मामले हैं जो एक वर्ष से भी अधिक समय से लंबित हैं। लंबित मामलों में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग शीर्ष पर है। वहीं राजस्व एवं भूमि सुधार तथा कृषि विभाग क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है। पिछले दिनों कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) में दर्ज शिकायतों एवं मामलों की समीक्षा की गयी। वीडियो कंफ्रेंसिंग के जरिए की गयी समीक्षा में विभागों को अविलंब लंबित मामलों को निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है।
यहां मालूम हो कि केंद्र सरकार ने लोक शिकायतों के निवारण एवं निगरानी के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल विकसित किया है। यहां कोई भी सामान्य व्यक्ति अपनी समस्या या शिकायत दर्ज करा सकता है। दर्ज शिकायतों का निष्पादन करते हुए राज्य सरकारों को पोर्टल में जानकारी देनी होती है। बताना होता है कि किन किन शिकायतों और समस्याओं का निष्पादन किया गया। जो लंबित हैं, वह क्यों हैं। इससे आम लोगों को ऑनलाइन माध्यम से उनकी समस्या के निदान में सहुलियत होती है।
विभाग और उनके यहां लंबित लोक शिकायत के मामले
गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में अप्रैल तक 188 मामले ऐसे थे जो एक साल से अधिक समय से लंबित थे। विभाग के अनुसार पिछले दस दिनों में इनमें 183 मामलों का निष्पादन कर दिया गया। हालांकि विभाग में अब भी 701 मामले लंबित हैं। इसी तरह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 351 मामले लंबित हैं, जिनमें 59 एक साल से अधिक समय से लंबित है। कृषि विभाग में 320 से अधिक मामले लंबित हैं। विभाग के नोडल अधिकारी ने समीक्षा के क्रम में बताया कि अधिकतर मामले प्रधानमंत्री किसान योजना से जुड़े हैं। ऊर्जा विभाग में लंबित 191 मामलों में 59 एक वर्ष से अधिक से पेंडिंग है। नगर विकास में 155 लंबित मामलों में 14 एक वर्ष से अधिक समय से पेंडिंग है। महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग में 144 में 5 मामले, उच्च शिक्षा में कुल 134 में 13,उत्पाद एवं मद्य निषेध में 34 में 13, स्वास्थ्य विभाग में 108 में नौ मामले एक वर्ष से अधिक समय से पेंडिंग है।