द फॉलोअप डेस्क
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जिला स्तरीय संवर्ग के शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण नियमावली में फेरबदल करने जा रहा है। अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी नियमों में फेरबदल संबंधी प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री रामदास सोरेन ने अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद स्कूली शिक्षा विभाग आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए कैबिनेट भेजने जा रहा है। पूर्व की स्थानांतरण नीति की कई शर्तों के आधार पर अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विभाग ने उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी नीति में संशोधन का निर्णय लिया है।
2019 में स्कूली शिक्षा विभाग ने जिला स्तरीय संवर्ग के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण के लिए नीति का निर्धारण किया था। इसके बाद 2022 में इस स्थानांतरण नीति को संशोधित किया गया। उस संशोधन के अनुसार अगर केंद्र, राज्य या किसी उपक्रम में कार्यरत पति-पत्नी अगर अलग अलग जिले में कार्यरत हैं, तो उन्हें अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा लेने का हक है। इसी तरह अगर कोई शिक्षक या शिक्षिका असाध्यक्ष रोग से पीड़ित हो तो उन्हें भी यह सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा दिव्यांग और महिला शिक्षिकाओं को भी अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा दी गयी है।
विभाग का कहना है कि उपरोक्त शर्तों के आधार पर महिला शिक्षिकाओं द्वारा अत्यधिक संख्या में अंतर जिला स्थानांतरण के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। शिक्षक या शिक्षिका के परिवार के किसी सदस्य के असाध्य रोग से पीड़ित होने के आधार पर स्थानांतरण संबंधी आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा दिव्यांग और एकल अभिवावकों से भी स्थानांतरण के आवेदन मिल रहे हैं। इसलिए अब अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव के प्रस्ताव हैं। राज्य सरकार की स्वीकृति मिलते ही, यह लागू हो जाएगा।
अंतर जिला स्थानांतरण के लिए अब नयी नीति इस प्रकार होगी
केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी उपक्रम में काम करनेवाले पति और पत्नी
अत्यंत दुर्लभ असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक या शिक्षिका
राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक या शिक्षिका
केवल दिव्यांग नहीं, 40 फीसदी दिव्यांग होना आवश्यक होगा
50 वर्ष से अधिक आयु वाली महिला, विधवा, तलाकशुदा
एकल अभिभावक, परंतु उनके संतान की आयु 18 वर्ष से कम हो
स्थानांतरण में सॉफ्टवेयर का होगा उपयोग, पारस्परिक स्थानांतरण की भी सुविधा होगी
प्रस्ताव में कहा गया है कि पारस्परिक सामंजस्य से भी किसी दो जिलों में पदस्थापित शिक्षक या शिक्षिका अंतर जिला स्थानांतरण के लिए आवेदन दे सकेंगे। इसके अलावा स्थानांतरण संबंधी आवेदन पर विचार करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा। स्थानांतरण करते समय छात्र-शिक्षक अनुपात का विशेष ध्यान रखा जाएगा। ताकि किसी जिले में शिक्षकों की कमी की वजह से पठन पाठन प्रभावित न हो।