जामताड़ा
एक दामाद की ससुराल में जोरदार खातिरदारी हो रही थी। लंबे समय बाद पहुंचे इस मेहमान के स्वागत में परिवार के लोग जी-जान से लगे थे। लेकिन अचानक पुलिस ने घर में दस्तक दी और पूरे माहौल में सन्नाटा छा गया। पुलिस ने दामाद को गिरफ्तार कर लिया, जिससे उसका असली चेहरा सामने आ गया।
साइबर ठगी का पर्दाफाश
शुक्रवार को जामताड़ा साइबर थाना पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को पकड़ा। उनके पास से 16 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया गया। इनमें से एक आरोपी ताहिर अंसारी अपनी ससुराल में रहकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहा था। पुलिस की छापेमारी में उसका गुनाह उजागर हो गया।
प्लानिंग के साथ साइबर धोखाधड़ी
सूचना के आधार पर पुलिस ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सिंदरजोड़ी और नावाडीह गांव में छापा मारा। ताहिर अंसारी, जो मसलिया थाना, दुमका जिले का निवासी है, अपने ससुराल में साइबर ठगी चला रहा था। उसके साथ पकड़े गए दूसरे आरोपी मुजाहिद अंसारी ने भी इस अपराध में साथ दिया।
फर्जी नंबर और ऐप के जरिए ठगी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ये अपराधी नामी सर्च इंजन का इस्तेमाल करते थे। वे ई-कॉमर्स कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर बदलकर अपने फर्जी नंबर डालते थे। फिर ग्राहकों को गुमराह कर उनके मोबाइल में क्विक सपोर्ट या एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करा लेते थे। इसके बाद 1-2 रुपये के ट्रांजेक्शन के बहाने बैंक की जानकारी चुरा कर खाते खाली कर देते थे।
प्रशिक्षु डीएसपी चंद्रशेखर ने बताया कि ये अपराधी बेहद शातिर तरीके से लोगों को ठग रहे थे। ताहिर अंसारी, जो अपने ससुराल में छिपकर इस अपराध को अंजाम दे रहा था, पुलिस के शिकंजे में आ गया है। उसके साथी मुजाहिद अंसारी को भी पकड़ा गया है।
पुलिस ने इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में सबूत जुटाए हैं और आगे की जांच जारी है। डीएसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा ताकि ऐसे अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।