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दुमका : आजादी के 75 साल बीते लेकिन इस गांव को नसीब नहीं 1 अदद चापाकल, गंदे पानी से प्यास बुझाते हैं लोग

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दुमकाः
शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के सरसडंगाल पंचायत अंतर्गत लताकांदर गांव में आजादी के इतने वर्षों बाद भी लोगों को स्वच्छ पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। लोगों के पास पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग कुएं का गंदा पानी पीने को विवश हैं। कुआं काफी पुराना एवं टूटा-फूटा है, जिसमें पीने योग्य पानी भी नहीं है। एक अकेला कुआं भी गर्मी के दिनों में सूख जाता है ।


सिर्फ वादे करके जा रहे हैं
ग्रामीणों ने बताया कि इस ग्राम में किसी जनप्रतिनिधि ने चापाकल लगवाने की नहीं सोची है सभी सिर्फ वोट मांगने के लिए ही आते हैं, चाहे मुखिया हो, विधायक हो, पंचायत समिति सदस्य ,जिला परिषद सदस्य हो। कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं आता। अभी पंचायत चुनाव का माहौल है, इस दौरान सभी उम्मीदवार आ रहे हैं और पहले की तरह इस बार भी वादा कर रहे हैं। 

 


कम से कम एक चापाकल हो 
बता दें कि गांव में 70 घर है। सभी एक ही कुएं का पानी पीने को विवश हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि कम से कम एक चापाकल इस ग्राम में लगवाया जाए ताकि पेयजल के लिए जो समस्या हो रही है उससे निजात मिल सके।