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दुमका : 3 किमी दूर जाकर डोभा का पानी लाते हैं ग्रामीण, गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहा कैराबानी गांव

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डेस्क: 

दुमका (Dumka) जिला के रानेश्वर प्रखंड (Raneshwar) अंतर्गत मोहुलबना पंतायत के कैराबानी गांव में लोग मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। गांव में सबसे बड़ा संकट पेयजल (drinking water crisis) का है। कैराबानी गांव के मंझी टोला और चितान टोला को मिलाकर कुल 60 परिवार रहते हैं। 60 परिवारों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए गांव में महज 2 चापाकल हैं।

समस्या ये है कि दोनों चापाकल से बढ़िया और पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में गांव वाले गांव से कुछ दूर खेतों में बने कुएं से पानी लाने को विवश हैं।

 

चापाकल से बमुश्किल 10 बाल्टी पानी मिलता है
कैराबानी गांव के लोगों ने बताया कि चापाकल (chapakal) से रोजाना बमुश्किल 10 से 15 बाल्टी पानी ही मिल पाता है। गर्मियां हो या मानसून का सीजन। पेयजल संकट बना रहता है। गांव में 1 आंगनबाड़ी केंद्र और 1 प्राथमिक विद्यालय भी है। बच्चे यहां पढ़ने जाते हैं। शर्मनाक बात ये है कि इन दोनों शिक्षण केंद्रों में चापाकल नहीं लगा है। बच्चों को प्यास लगे तो उन्हें दूर कुएं में जाना पड़ता है।

ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल और आगंनबाड़ी केंद्र में चापाकल लगाने की मांग को लेकर कई बार प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को आवेदन दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव में स्थित कुआं भी जीर्ण-शीर्ण हालत में है। गर्मियों में कुआं सूख जाता है। मानसून में कुएं में पानी आता है लेकिन ये काफी गंदा होता है और इसे पीया नहीं जा सकता। 

तालीडीह गांव से पानी लाते हैं कैराबानी के लोग
ग्रामीणों को रोजाना ढाई से 3 किमी दूर जाकर तालीडीह गांव से पानी लाना पड़ता है। यदि बहुत जरूरी हो तो ग्रामीण कम से कम 1 किमी दूर जाकर खेतों में बने डोभा का पानी लाते हैं। पेयजल की समस्या की वजह से गांव में मेहमान आने से कतराते हैं। यही नहीं! लोग अपनी बेटी या बेटे का ब्याह कैराबानी गांव में कराने से बचते हैं। गांव वाले मुखिया और प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर विधायक (MLA) तक को आवेदन दे चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों में इसे लेकर नाराजगी है। 

जनप्रतिनिधियों से खासे नाराज हैं कैराबानी के लोग
गांव वालों ने बताया कि यदि प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया तो आगामी चुनावों में वे लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे। किसी भी जनप्रतिनिधि को गांव में प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा। ग्रामीणों की मांग है कि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में सोलर युक्त डीप बोरिंग की जाये। जलीनार का निर्माण हो।