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बड़ी खबर : बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बीजेपी के 25 विधायकों ने राजभवन किया मार्च..

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा 2023 विधेयक को लेकर विपक्ष लगातार विरोध दर्ज करा रहा है. आज शुक्रवार को बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिलने पहुंचा है. भाजपा का मानना है कि इस विधेयक में ऐसी कई खामियां है जो एक इंसान के अधिकारों का हनन करेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अवहेलना करते हुए बिना जांच के सीधी गिरफ्तारी और परीक्षा में कदाचार के बाद उठने वाले सवालों को लेकर परीक्षार्थियों पर एफ आई आर दर्ज होना शामिल है। बाबूलाल मरांडी का कहना है कि विधेयक में कई ऐसे शर्ते हैं, जिस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए और कई शर्तों को विलोपित करने की आवश्यकता है। सरकार संख्या बल के अहंकार में युवाओं, बेरोजगारों की आवाज बंद करना चाहती है। वहीं भाजपा के विधायकों का मानना है कि सरकार आगे आने वाली नियुक्तियां को बंदरबांट करना चाहती है लिहाजा कोई भी उसके खिलाफ आवाज ना उठा पाए। इस वजह से यह कानून बनाने की कोशिश हो रही है। हम ने राज्यपाल से मिलकर इस विधेयक को पास ना करने की गुजारिश की है।

संशोधन के बाद पारित हुआ था बिल 

बता दें मानसून सत्र के पांचवें दिन सजा के बिंदुओं में बदलाव के साथ झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 सदन से पारित हुआ है. अब 3 साल की जगह एक साल और 7 साल की जगह 3 साल की सजा का प्रावधान है. प्रदीप यादव ने सुझाव देते हुए यह मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मानते हुए सदन से इसे पारित करने का आग्रह किया था. इसे विधेयक पर विधायकों का कुल 6 संशोधन प्रस्ताव आया था. विधायक विनोद सिंह, अनंत ओझा, लंबोदर महतो, अमर बाउरी, नवीन जायसवाल और अमित मंडल ने संशोधन प्रस्ताव लाये थे.

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