द फॉलोअप डेस्क
झारखंड की राजधानी रांची में एक बहुत की खास और अनोखी होली मनाई जाती है। दरअसल रांची के चुटिया में भगवान के साथ होला खेलने की परंपरा है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। चुटिया के 450 साल पुराने श्री राम मंदिर में इसे मनाया जाता है। इस बार होली के दिन शाम 4 बजे से इस प्राचीन मंदिर में राधा-कृष्ण और बलराम के साथ भगवान की होली शुरू हुई थी। इस परंपरा को फगडोल जतरा कहा जाता है, जहां श्रद्धालु अपने आराध्य के साथ रंग और गुलाल उड़ाकर भक्ति और मस्ती का आनंद लेते हैं। खास बात यह है कि यहां कोई पूजा-पाठ या मन्नत मांगने की भावना से नहीं आता, बल्कि भगवान के साथ होली खेलकर खुद को धन्य महसूस करता है।
हर साल नगर के लोग भगवान संग होली खेलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस मौके पर आसपास के विभिन्न इलाकों से शोभायात्रा के रूप में ठाकुर जी का जुलूस प्राचीन श्री राम मंदिर तक आता है, जहां से यह यात्रा आगे महादेव मांडा स्थान के लिए निकलती है। मंदिर के उत्तराधिकारी सत्यनारायण जी महाराज ने बताया कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसे बेहद खास माना जाता है। मंदिर में सजे फगडोल पर अलग-अलग क्षेत्रों से आए जुलूसों का संगम होता है, जिसके बाद पूरे उत्साह के साथ यह शोभायात्रा महादेव मांडा स्थान के लिए रवाना होती है। यह अद्वितीय परंपरा भक्तों के लिए न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि भक्ति और उल्लास का अनोखा संगम भी प्रस्तुत करती है।