रांची:
मुख्यमंत्री आवास से 3 बसों के जरिए यूपीए के सभी विधायकों को कहीं ले जाया गया है। हालांकि, विधायकों को कहां ले जाया गया है फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। खबरें हैं कि विधायकों को झारखंड से बाहर नहीं निकाला जा रहा है बल्कि, उनको राजधानी रांची से से महज कुछ किमी दूर खूंटी या सिल्ली के किसी रिसॉर्ट में ले जाया जा रहा है। स्कॉर्ट वाहन की निगरानी में सभी विधायकों को राजधानी रांची से बाहर निकाला जा रहा है। बस में यूपीए के सभी विधायक मौजूद थे। इस दौरान मीडिया के सवालों के जवाब में विधायकों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनको कहां ले जाया जा रहा है।
3 बसों के जरिए ले जाए गये विधायक
गौरतलब है कि दिन के तकरीबन 2 बजे मुख्यमंत्री आवास के पिछले दरवाजे से 3 बसों के जरिए स्कॉर्ट पार्टी की निगरानी में विधायकों को ले जाया गया। अपुष्ट सूचना के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी विधायकों के साथ मौजूद थे। इस बीच स्कॉर्ट पार्टी में शामिल पुलिसकर्मियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनको कहां ले जाया जा रहा है। उनको बस बसों के साथ चलने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि इससे पहले विधायकों को छत्तीसगढ़, बंगाल या पटना ले जाने की खबरें थी।
शनिवार 11 बजे हुई थी विधायकों की बैठक
गौरतलब है कि झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच शनिवार को सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इससे पहले शुक्रवार से ही चर्चा थी कि विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट करने की तैयारी है। शनिवार को खबरें आईं कि विधायकों को पटना शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद जब विधायकों को बसों में बिठाकर सीएम आवास से निकाला गया तो खबरें आईं कि उनको झारखंड से बाहर नहीं निकाला जा रहा है बल्कि राजधानी रांची के पास ही किसी रिसॉर्ट में रखा जायेगा।
सियासी संकट के बीच टूट की आशंका थी
बता दें कि अब तक ये तकरीबन स्पष्ट हो चुका है कि खनन पट्टा लीज मामले में चुनाव आयोग का फैसला आ चुका है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जा चुकी है। खबरें हैं कि राज्यपाल ने अपनी सिफारिश चुनाव आयोग को भेज दी है और आयोग ही नोटिफिकेशन जारी करेगा। ऐसे में महागठबंधन के विधायकों में टूट की आशंका को देखते हुए एहतियातन सभी विधायकों को राजधानी रांची से कहीं दूर ले जाया गया है जहां वे मुख्यमंत्री और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की निगहबानी में रहेंगे।