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पेयजल संकट : जलापूर्ति योजना में अरबों रुपये बहाने के बाद भी नहीं बुझी प्यास, वक्त पूरा होने पर भी काम अधूरा

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धनबाद: 

अरबों रुपये की जलापूर्ति योजना के बावजूद एक बड़ी आबादी प्यासी है। बता दें कि वृहद जलापूर्ति योजना साल 2016 में शुरू की गई थी। इस काम को 2018 में ही पूरा कल लिया जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। गौरतलब है कि सरकारी बोर्ड में योजना पूरी हो गई है लेकिन धरातल पर उतरी नहीं। बता दें कि 74.53 करोड़ रुपेय की इस परियोजना के अंतर्गत 67 गावों में पेयजल की व्यवस्था करनी थी लेकिन महज 2 गांवों में ही इसे पूरा किया जा सका है। जहां योजना पूरी हुई, वहां भी स्थिति ठीक नहीं है। 

महज 2 पंचायत में ही काम पूरा हुआ
यहां बात हो रही है धनबाद जिला की। धनबाद जिला के घड़बड़ पंचायत में पानी की आपूर्ति की जा रही है। निरसिंहपुर पंचायत के शीतलपुर गांव में पाइपलाइन के जरिये जलापूर्ति शुरू की गई है। बता दें कि निरसा-गोविंदपुर के लोजों के लिए 521 करोड़ रुपये की लागत से 2 बड़ी मेगा जलापूर्ति योजना चल रही है। लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बता दें कि निरसा-गोविंदपुर दक्षिण जलापूर्ति योजना में लगभग 73 फीसदी काम हुआ है। योजना काम इस्त्राइल की टहल कंपनी कर रही है। 

राइजिंग पाइप बिछाने का काम अधूरा
बता दें कि यहां इंटेकवेल का निर्माण नहीं हुआ है। राइजिंग पाइप बिछाने का काम भी अधूरा है। घर-घर पाइपलाइन बिछाने का काम भी अभी पूरा नहीं किया जा सका है। इधर 312 करोड़ रुपये की एक योजना साल 2019 में शुरू की गई थई। इसके तहत 400 किमी पाइपलाइन बिछाना था। 2 साल बाद भी महज 35 फीसदी काम ही हो पाया है। अब तक महज 36 किमी पाइपलाइन बिछाई जा सकी है। यदि योजना के तहत काम पूरा हो जाता है तो झरिया को जलसंकट से मुक्ति मिल जाती है।