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रांची : ED के प्रति क्यों बढ़ रहा है लोगों का विश्वास, समझिए पूरा खेल

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रांचीः 

इनदिनों ईडी के प्रति अचानक ही लोगों का विश्वास बढ़ा है। आखिर क्या वजह है कि छोटी छोटी जमीन विवाद का मामला जिसे कोर्ट में जाकर सुलझाया जा सकता है उसके लिए लोग अब ईडी का सहारा ले रहे हैं।  आखिर ईडी ने कौन सा जादू कर दिया है कि बीते कुछ दिनों में ही ईडी के पास शिकायतों की लाइन लग गई है। बता दें कि मई से लेकर अब तक ईडी के पास 350 से भी ज्यादा शिकायतें आ गई है। यह सब क्यों हो रहा है।

 

इसके पीछे कि वजह हम आपको बताते हैं। ईडी ने सबसे पहले मई महीने में अपनी कार्रवाई झारखंड में शुरू की थी, कार्रवाई शुरू हुई भी थी तो किससे, खान सचिव पूजा सिंघल से, वह पूजा सिंघल जो हर सरकार में सबकी चहेती रही हैं। सरकार किसी की भी हो पूजा सिंघल ने हर बार अपनी पैठ को जमाए रखा था। उसे किसी का कोई डर ना था। अब आप सोचिए जब सरकार की चहेती पूजा सिंघल को ईडी दबोच सकती है, तो वह किसी और भ्रष्टाचारी के साथ क्या कुछ नहीं कर सकती है।

 

बस यही वजह है कि लोग दौड़े दौड़े ईडी के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं। लोगों में उम्मीद जगी है , लोगों को लगने लगा है कि पूजा सिंघल जैसे पावरफुल अधिकारी जब जेल के सलाखों के पीछे जा सकते हैं तो फिर हमें भी जरूर न्याय मिलेगा। अब तो वैसे लोग भी ईडी के पास पहुंच रहे हैं जिनके पास कुछ खुफिया जानकारी है। लेकिन ईडी पहले ही बड़े बड़े मामलों को सुलाझाने में वय्स्त है। एक के बाद एक ईडी लगातार अधिकारियों, नौकरशाहों नेताओं को दबोचने में जुटी है। सिर्फ रांची अंचल की बात करें तो करीब 3 दर्जन मामले ईडी के पास अनुसंधान के लिए पड़े हैं। लोगों की उम्मीद ने ईडी का काम बढ़ा दिया है।

 
ईडी के प्रति बढ़ रहे विश्वास का मुख्य कारण ही यही है कि इनदिनों ईडी ने बड़े चेहरों को जेल की सलाखों के पीछे धकेला है। चाहे वह पूजा सिंगल हों, बरहेट से सीएम हेमंत सोरेन प्रतिनिधि पंकज मिश्रा हो, बच्चू यादव हों, प्रेम प्रकाश हो या फिर अमित अग्रवाल। ये वो चेहरे हैं जिनकी कभी इनके क्षेत्रों मे तूती बोलती थी। अपने पैसे और पोजिशन का पावर दिखाकर ये कोई भी बड़े से बड़ा काम करवा लेते थे। पंकज मिश्रा ने तो ईडी को चेतावनी तक दे दी थी कि मैं किसी से डरता नहीं हूं। पूरे संथाल की पहाड़ों को खोखला करने की ताकत रखने वाले पंकज मिश्रा को जब ईडी अपने शिकंजे में ले सकती है तो ईडी क्या कुछ नहीं कर सकती है। बस यही वजह है कि अब ईडी से लोगों की उम्मीदें और आस बढ़ती जा रही है। 
ईडी ने उस प्रेम प्रकाश तक को अपने शिकंजे में कस लिया है जो कभी इतनी ताकत रखता था कि उसके कहने पर अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग तक हो जाती थी। रसूखदारों औऱ नौकरशाहों का चहेका प्रेम प्रकाम उर्फ पीपी जेल की सलाखों के पीछे है, किसकी वजह से ,,ईडी की वजह से...तो फिर सोचिए कि लोगों का विश्वास ईडी के प्रति क्यों ना बढ़े। क्यों लोग अपनी फरियाद लेकर ईडी के पास ना पहुंचे। बड़े चेहरों में पूजा सिंघल के सीए सुमन सिंह व बच्चू यादव भी शामिल हैं। 


ईडी के प्रति लोगों का विश्वास इस कदर बड़ा है कि निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी ईडी से मिलकर नेताओं नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश मामले में सबूत से संबंधित दस्तावेज दिये थे और कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल की भी जांच करें। उन्होंने ईडी से यह भी कहा था कि प्रेम प्रकाश के दोस्त की खरीदी हुई एसयूवी कार का इस्तेमाल किस हैसियत से पूर्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं। उन्होंने नए उत्पाद नीति पर भी सवाल उठाते हुए बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। ईडी ने 1000 करोड़ के अवैध खनन का खुलासा भी किया है। यह बात शिकायत कर्ताओं को ईडी के प्रति विश्वास बढ़ने में और भी सहायक है