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भारत में 7 साल में खत्म हो गईं 54 लाख नौकरी, 18 लाख फैक्ट्रियों पर लग गया ताला; आंकड़ा डरा देगा

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द फॉलोअप डेस्क
भारत में 7 साल में 54 लाख लोग बेरोजगार हो गए। दरअसल, बीते 7 साल करीब 18 लाख फैक्ट्रियां बंद हुईं है। जिससे करीब 54 लाख लोग काम करते थे। फैक्ट्री बंद होने से काम करने वाले लोगों की नौकरी खत्म हो गई। फ़ैक्ट्रियां बंद होने के साथ 2015-16 में जो वर्क-फ़ोर्स 3.604 करोड़ का था, वो 2022-23 में घटकर 3.06 करोड़ तक आ गया। ऐसे हम नहीं कह रहे। दरअसल, राष्ट्रीय सांख्यिकी मंत्रालय (NSO) ने एक सर्वे जारी किया है। जिसकी तुलना 2015-16 में किए गए 73वें दौर के सर्वेक्षण से किया गया। यह बात उसमें ही सामने आई है।


क्या कहती है रिपोर्ट
बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी एक खबर के अनुसार अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में करीब 178.2 लाख असंगठित इकाइयां काम कर रही थीं, जो जुलाई 2015 से जून 2016 के बीच काम कर रहीं 197 लाख असंगठित इकाइयों की तुलना में करीब 9.3 प्रतिशत कम हैं। इसी तरह से इन प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों की संख्या भी इस दौरान करीब 15 प्रतिशत घटकर 3.06 करोड़ रह गई है, जो पहले 3.604 करोड़ थी। मतलब कुल 54 लाख से ज़्यादा का फ़र्क़ है। बता दें कि अनिगमित उद्यम में वे कारोबारी इकाइयां शामिल होती हैं, जो अलग कानूनी इकाइयों के रूप में निगमित नहीं होती हैं। आमतौर पर इन उद्यमों में छोटे व्यवसाय, एकल स्वामित्व, साझेदारी और अनौपचारिक क्षेत्र के कारोबार शामिल होते हैं।


कोविड महामारी का ज्यादा रहा असर
सांख्यिकी पर बनी स्थायी समिति के चेयरपर्सन प्रणव सेन ने कहा कि अनिगमित क्षेत्र, जिसमें व्यापक अनौपचारिक क्षेत्र शामिल होता है, लगातार लगने वाले आर्थिक झटकों से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। ऐसे झटकों में वस्तु एवं सेवा कर और कोविड महामारी प्रमुख हैं।

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