डेस्क :
उत्तर प्रदेश(Uttar pradesh) जल शक्ति विभाग(Jal shakti Department) के राज्यमंत्री दिनेश खटीक(Dinesh khatik) के अमित शाह(Amit shah) को इस्तीफा सौपने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस्तीफे की चर्चा ने न सिर्फ योगी सरकार के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं, बल्कि विपक्ष को भी चुटकी लेने का मौका दिया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव(Akhilesh yadav) ने दिनेश खटीक के इस्तीफे पर तंज कस्ते हुए ट्वीट(Tweet) किया है।
दलित होने का अपमान मिले तो त्यागपत्र देना उपाय- अखिलेश
मंत्री के इस्तीफे के बाद अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को दलित विरोधी करार दिया है। उन्होंने लिखा है कि जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले। ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। साथ ही उन्होंने चुटकी लेते हुए लिखा है कि कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है। राज्यमंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी और इस्तीफा देने की चल रही चर्चाओं से योगी सरकार की काफी किरकिरी हो रही है।
जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022
अभी तक इस्तीफा स्वीकार्य नहीं
खबरों के मुताबिक दिनेश खटीक विभाग में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। जलशक्ति विभाग में काम का बंटवारा ना होने से नाराज खटीक ने इसकी शिकायत सीएम योगी से भी की थी। इसके बाद वह मंगलवार दोपहर करीब एक बजे राजभवन आए थे और इस्तीफे की कॉपी सौप दी थी। हालांकि, उनका इस्तीफा स्वीकार करने की कोई खबर नहीं है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा- सब कोरी गप्प, ऐसा कुछ नहीं
मीडिया में प्रकाशित इस पूरे मामले में सरकार की तरफ से इसका खंडन किया गया है। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि यह सब फर्जी अफवाह है, ऐसा कुछ नहीं है। बता दें कि मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले दिनेश खटीक बीजेपी से पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। उनके पिता भी आरएसएस(RSS) के कार्यकर्ता रहे। वह दोबारा हस्तिनापुर विधानसभा से 2022 में विधायक चुने गए थे।