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सुप्रीम कोर्ट : बंगाल में CBI को है नो एंट्री, फिर संदेशखाली क्या करने गयी थी टीम; अदालत में होगी सुनवाई 

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द फॉलोअप नेशनल टीम 
प बंगाल में नवंबर 2018 में सीबीआई की एंट्री को बैन किया गया है, फिर भी जांच एजेंसी की टीम पिछले दिनों संदेशखाली में क्या करने गयी थी। इस मामले में ममता बनर्जी की सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के योग्य माना है। इससे जहां ममता सरकार को राहत मिली है वहीं, केंद्र सरकार को झटका लगा है। आज सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि यह अर्जी सुनवाई के योग्य नहीं है। अदालत ने कहा कि बंगाल सरकार ने कानूनी पहलू उठाया है, इस पर बहस होनी चाहिये। 

बता दें कि ममता सरकार ने नवंबर 2018 में ही राज्य के मामलों में सीबीआई जांच को लेकर दी गई सहमति वापस ले ली थी। इसके बाद भी सीबीआई की ओर से संदेशखाली समेत कई मामलों में जांच शुरू कर दी गयी है। सीबीआई के खिलाफ अब बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। ममता सरकार ने यह याचिका संविधान के आर्टिकल 131 का हवाला देते हुए दाखिल की है। इसके तहत केंद्र और राज्य के बीच विवाद होने पर सुप्रीम कोर्ट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। 

इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी। कोर्ट ने कहा कि यह मामला इस बात का है कि जब राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए दी गई अपनी सहमति को वापस ले लिया तो फिर एजेंसी वहां के मामलों में केस क्यों दर्ज कर रही है। इस तरह अदालत ने साफ कर दिया कि सीबीआई के लिए किसी भी राज्य में मामले दर्ज करने के लिए जरूरी है कि वहां की सरकार से इसकी अनुमति दे। कोर्ट ने कहा, 'इस मामले में सवाल यह है कि जब राज्य ने परमिशन वापस ले ली है तो फिर क्या सीबीआई केस दर्ज कर सकती है। क्या ऐसा करना दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टेबलिशमेंट ऐक्ट के खिलाफ है।'


 

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