द फॉलोअप डेस्क
इसी साल 27 अगस्त को मॉब लिंचिंग में चरखी दादरी कांड में मारे गये युवक साबिर मलिक के बारे में रिपोर्ट है कि वो निर्दोष था। भीड़ ने जिस मांस को गोमांस कहते हुए साबिर को मार डाला था, वो गोमांस नहीं था। जब्त मांस की जांच के बाद लैब ने ये रिपोर्ट दी है। बता दें कि चरखी दादरी के अंतर्गत बाढड़ा कस्बे में 27 अगस्त को गोमांस के आरोप में कोलकाता के युवक साबिर मलिक की निर्मम हत्या भीड़ ने कर दी थी। पुलिस द्वारा बरामद गोमांस की फरीदाबाद की जांच लैब में पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस ने भी माना है कि जब्त मांस गोमांस नहीं है।
मिली खबरों में कहा गया है कि पशु विशेषज्ञ जांच कमेटी ने इस मामले में इसे किसी अन्य पशु का मांस होने की रिपोर्ट दी है। बहुत मुमकिन है कि ये मांस बकरे का हो। बहरहाल, अब इस मामले में नामजद दर्जनों आरोपितों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गांव हंसावास खुर्द व बाढड़ा कस्बे में गोमांस पकाने के शक में बरामद किए गए खाद्य पदार्थ को स्थानीय पुलिस ने 28 अगस्त को पशु चिकित्सक की सलाह के बाद फरीदाबाद लैब में जांच के लिए भेजा था।