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चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव व स्वामीनाथ को भारत रत्न मिलना ऐतिहासिक क्षण – बाबूलाल मरांडी 

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रांची 

पूर्व प्रधानमंत्री स्व चौधरी चरण सिंह, स्व नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक मएनकोम्बू संबाशिवन स्वामीनाथन को भारत रत्न (Bharat Ratna) मिलने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal marandi) ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मां के 3 सच्चे सपूत को भारत रत्न देने का निर्णय लिया है, यह ऐतिहासिक क्षण है। बाबूलाल मरांडी कहा कि एक सामान्य किसान परिवार में जन्में असीम प्रतिभाओं के धनी, भारत के किसानों का मान सम्मान बढ़ाने वाले और लाल किले की प्राचीर से कृषि प्रधान भारत को एक महान राष्ट्र बनाने का सपना देखने वाले स्व. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलना खुशी की बात है। कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल छोटा जरूर रहा, पर इस देश की नीति और निर्देशों में उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी। 

 

नरसिम्हा राव के बारे में क्या बोले 

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आर्थिक सुधारों के अग्रदूत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व नरसिम्हा राव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र जीवन के दौरान ही की थी। बहुभाषी के रूप में उनकी क्षमताओं ने उन्हें स्थानीय जनता के साथ जुड़ने में काफी मदद की। नरसिम्हा राव ने वर्ष 1962 से वर्ष 1971 के दौरान आंध्र सरकार में विभिन्न मंत्री पदों पर कार्य किया। इसके पश्चात् उन्होंने वर्ष 1971 से वर्ष 1973 तक तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी संभाली। उनके नेतृत्त्व में आंध्र प्रदेश में कई भूमि सुधार किये गए। कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर नरसिम्हा राव को मुख्य रूप से उनके द्वारा किये गए सुधारों के रूप में पहचाना जाता है।

स्वामीनाथन के बारे में क्या कहा 

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हरित क्रांति' के माध्यम से भारतीय कृषि में बदलाव लाने वाले कृषि वैज्ञानिक मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन ने अपने पूरे जीवनकाल में एक ऐसी दुनिया की कल्पना के लिए लगातार काम किया जिसमें कोई भूखी या गरीब आबादी न हो। कहा कि उन्होंने सतत विकास की अवधारणा, विशेष रूप से कृषि की पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों, खाद्य उपलब्धता और जैव विविधता संरक्षण के साथ भी महान काम किया। स्वामीनाथन को उनके शोध कार्य का लाभ भौगोलिक सीमाओं के पार फैलाने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा भी प्रशंसा मिली है।