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ताजपोशी : एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में हासिल किया विश्वास मत, 164 विधायकों ने पक्ष में की वोटिंग

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डेस्क: 

महाराष्ट्र (Maharashtra) की नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Sarkar) ने सदन में विश्वासमत हासिल कर लिया है। फ्लोट टेस्ट में शिंदे सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला। यहां बहुमत का आंकड़ा 142 है। फ्लोर टेस्ट में विपक्ष को 99 वोट मिले। 3 सदस्य तटस्थ रहे। सोमवार को फ्लोर टेस्ट से पहले शिवसेना (Shiv Sena) का एक और विधायक सत्तापक्ष में आ गया।

गौरतलब है कि रविवार को जब स्पीकर (Speaker) का चयन हो रहा था तब भी शिंदे गुट को 164 विधायको का समर्थन मिला था। स्पीकर राहुल नार्वेकर वोटिंग से बाहर रहे। 

भारतीय जनता पार्टी ने रखा था प्रस्ताव
सोमवार को फ्लोर टेस्ट से पहले भारतीय जनता पार्टी (Bjp) की ओर से प्रस्ताव रखा गया। विपक्ष ने इस पर वोटिंग की मांग की। वोटिंग के दौरान जैसे ही सत्तापक्ष के विधायकों की गिनती 144 तक पहुंची, ये स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बन रही है। सोमवार को फ्लोर टेस्ट गंवाने के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक औऱ झटका लगा।

दरअसल, अब तक सियासी उथल-पुथल के बीच ठाकरे गुट में रहे शिवसेना विधायक संतोष बांगर (MLA Santosh Bangar) भी शिंदे गुट में शामिल हो गये। दिलचस्प है कि विधानसभा में देरी से पहुंचने की वजह से महाविकास अघाड़ी के 8 विधायक वोट नहीं कर सके। 

स्पीकर के चुनाव में ही स्पष्ट था बहुमत
दरअसल, रविवार को स्पीकर के चुनाव के दौरान ही स्पष्ट हो गया था कि शिंदे गुट के पास बहुमत के 142 से 20 ज्यादा 164 विधायकों का समर्थन है। रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ( Devendra Fadnavis) ने कहा था कि पार्टी के 2 विधायक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से सदन में नहीं आ सके। बाद में 166 मत के साथ शिंदे सरकार अपना पूर्ण बहुमत साबित करेगी। 

21 जून को शिवसेना के विधायकों की बगावत
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री के सवाल पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूट गया था। शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) नाम का गठबंधन बनाया और सरकार का गठन किया।

ढाई साल बाद, 21 जून 2022 को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर दी। बागी विधायक पहले सूरत पहुंचे और फिर गुवाहाटी।

गुवाहाटी में 8 दिन रहने के बाद विधायक गोवा लौटे। 30 जून को एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।