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शराब खरीदने के लिए सरकारी फाइलें कबाड़ में बेच रहा था शख्स, ऐसे हुआ खुलासा

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द फॉलोअप डेस्कः
कहा जाता है कि शराब के लिए लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं। लोग अपना घर तक बेच देते हैं। कई लोग कर्ज में डुब जाते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां व्यक्ति शराब के चक्कर में सरकारी फाइलों को ही बेच रहा था। मामला यूपी के कानपुर का है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सरकारी दफ्तर से जरूरी कागजात गायब होने। एक सफाई कर्मचारी पर आरोप लगा कि विकास भवन से वही सरकारी फाइलें गायब कर रहा है। वह फाइलों को गायब कर किसी को देता नहीं था बल्कि बेचकर शराब खरीदने के लिए पैसे जुटाता था। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है।

 विकास भवन की है घटना 
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ-सफाई के काम के लिए कई प्राइवेट कर्मचारियों को रखा है। उन्हीं में से एक सफाई कर्मचारी है मोहन। मोहन विकास भवन में साफ सफाई का काम करता है जहां बुजुर्ग पेंशन आवेदन पत्रों के बंडल कुछ समय से गायब थे। कई बार ढूंढने पर भी नहीं मिले। एक दिन एक कर्मचारी ने कंप्यूटर रूम में मोहन को बोरी में फाइलें भरते हुए पकड़ लिया। देखा तो पता चला कि बोरे में जरूरी सरकारी फाइलों की बंडल थी। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वो ये फाइलें बेचने वाला था। ये भी बताया कि वो पहले भी कई सरकारी फाइलें बेच चुका है। उनमें सामाजिक कल्याण, उद्यान और बुजुर्ग पेंशन आवेदनों से जुड़ी फाइलें थी। आरोपी इन फाइलों को कबाड़ में बेचकर शराब खरीदने के पैसों का जुगाड़ करता था। 


नौकरी से निकाला गया 
पूछताछ के बाद सरकारी कर्मचारियों ने सभी फाइलें जब्त की। फिर मोहन को उस दुकान पर ले गया जहां उसने पहले फाइलें बेची थीं। दुकान से कई जरूरी फाइलें बरामद भी की गई हैं। सफाईकर्मी को नौकरी से निकाल दिया है। कानपुर नगर के मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इतनी बड़ी लापरवाही के लिए विभाग से भी सफाई मांगी गई है। विभाग के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत तरीके से जांच शुरू हो गई है। 

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